जानिए सर्वाइकल पेन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

October 25, 2022by admin-mewar
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जानिए सर्वाइकल पेन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें एवं कारण, लक्षण व इलाज

सर्वाइकल पेन (cervical pain) यानी गर्दन में दर्द से आप कहीं ना कहीं परिचित होंगे, और मुमकिन है कि इस समस्या को आपने महसूस भी किया होगा। इस प्रकार का दर्द यकीनन व्यक्ति को एक चुनौतीपूर्ण स्थिति में डाल सकता है। यह दर्द कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों तक रह सकता है। जब हालात गंभीर हो जाते हैं, तो यह परेशानी सालों तक भी देखने को मिलती है। सर्वाइकल पेन के कई कारण हो सकते हैं। कमर दर्द के बाद इसे मस्क्यूलोस्केलेटल डिसेबिलिटी (musculoskeletal disability) के मुख्य कारणों में से एक बताया जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जो हमारे रोज़मर्रा के कामों को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। यदि इस तरह का दर्द 1 हफ्ते से ज़्यादा परेशान करता है और इसके लक्षण आपको नज़र आ रहे हैं, तो मेडिकल सहायता लेने में देरी ना करें। आज मेवाड़ हॉस्पिटल की टीम आपको सर्वाइकल पेन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताने की कोशिश करेगी।

सर्वाइकल पेन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु

1. इस तरह का दर्द पुरुषों की तुलना में औरतों में ज़्यादा पाया जाता है।
2. बढ़ती उम्र के साथ इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।
3. एक रिसर्च के अनुसार दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अपने जीवन में कभी ना कभी सर्वाइकल पेन को महसूस करेगा।
4. कभी-कभी गर्दन में दर्द के साथ एक या दोनों बाजूओं में भी दर्द का एहसास होने लगता है।
5. आमतौर पर सर्वाइकल पेन की समस्या ज़्यादा गंभीर नहीं मानी जाती है और व्यक्ति को कुछ दिनों के अंदर आराम मिल जाता है।

सर्वाइकल पेन के कारण

सर्वाइकल पेन के विभिन्न कारण हो सकते हैं। कभी-कभी व्यक्ति की लापरवाही के कारण भी यह स्थिति सामने आ सकती है। कुछ मौकों पर यह चोट के कारण हो सकती है। और इसके अलावा कुछ मेडिकल समस्याओं की वजह से भी दर्द हो सकता है। हम आपको ऐसे ही कुछ प्रमुख कारणों से परिचित कराने की कोशिश करेंगे।

1. गलत पॉश्चर अपनाना
आज के आधुनिक दौर में देखा जा रहा है कि दुनिया की एक बड़ी आबादी कंप्यूटर या लैपटॉप स्क्रीन के सामने बैठकर अपने काम को अंजाम दे रही है। यकीनन इससे विभिन्न प्रकार के फायदे हासिल होते हैं, लेकिन साथ ही हमें अपने शरीर के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है। जी हां, ऐसा देखा जा रहा है कि कई लोग अपनी कंप्यूटर स्क्रीन के सामने लंबे समय तक गलत तरीके से बैठे रहते हैं। इससे गर्दन पर बुरा प्रभाव पड़ता है और यह सर्वाइकल पेन का कारण बन जाता है। इसके अलावा आपने देखा होगा कि कई लोग लगातार अपने फोन या टैबलेट का इस्तेमाल नीचे झुककर करते हैं। ऐसी गतिविधियों के कारण भी गर्दन पर बुरा असर पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। यदि आप भी इन गतिविधियों में शामिल हैं, तो कोशिश करें अपने आप को सही पॉश्चर में ढाले रखने की। साथ ही अपनी गर्दन और शरीर को समय-समय पर आराम ज़रूर दें।

2. चोट
विप्लेश (whiplash) नामक इंजरी तब घटित होती है जब किसी व्यक्ति का सिर पीछे की ओर जाने के बाद अचानक से तेज़ गति के साथ आगे आता है। ये भी सर्वाइकल पेन के मुख्य कारणों में से एक है। इस तरह की घटना एक्सीडेन्ट के दौरान, खेल-संबंधी गतिविधियों में, शारीरिक दुर्व्यव्हार, आदि में देखने को मिलती है।

3. बढ़ती उम्र
ऑस्टियोआर्थराइटिस और स्पाइनल स्टेनोसिस भी गर्दन में दर्द के कारण बन सकते हैं। यह उम्र के ढलने पर देखा जाता है। समय के साथ कुछ स्थितियों के कारण हर्निएटेड डिस्क (herniated disc) एवं पिंच्ड नर्व (pinched nerve) जैसी समस्याएं होती हैं जिस वजह से गर्दन में तकलीफ हो सकती है।

4. तनाव
दिमागी तनाव के कारण भी गर्दन की मांसपेशियां जकड़ सकती हैं जिस वजह से दर्द उत्पन्न हो जाता है।

5. सर्वाइकल स्टेनोसिस
इस तरह की स्थिति तब होती है जब स्पाइनल केनाल (spinal canal) अपने सामान्य आकार से छोटी हो जाती है और स्पाइनल कोर्ड (spinal cord) को सिकुड़ा देती है। इस परिस्थति में स्पाइनल कोर्ड को नुकसान पहंुच सकता है।

6. हर्निएटेड डिस्क
वर्टिब्रा (vertebrae) के बीच में पाई जाने वाली डिस्क के अंदर मुलायम, जैली जैसा आंतरिक भाग और कार्टिलेज से युक्त बाहरी परत होता है। वर्टिब्रा द्वारा डिस्क में बार-बार ऊपर और नीचे की तरफ गतिविधि होने के कारण बाहरी परत को नुकसान पहुंचता है और वो फट जाती है जिस वजह से दर्द होने लगता है। डिस्क के आंतरिक भाग में भी समस्या उत्पन्न हो सकती है जिसके कारण भी व्यक्ति को परेशानी महसूस हो सकती है।

7. अन्य
कुछ मौकों पर सर्वाइकल पेन साधारण गतिविधियों के दौरान भी हो सकता है। जैसे कि एकदम किसी दिशा में घूमना, एक्सरसाइज़ के दौरान, या फिर किसी वस्तु को उठाते समय।

इसके अलावा भी कुछ ऐसी मेडिकल अवस्थाएं हैं जो सर्वाइकल पेन का कारण बन सकती हैं। इनमें शामिल हैं रूमेटॉइड आर्थराइटिस, मेनिंगाइटिस, कैंसर, हार्ट अटैक, ऑस्टियोपोरोसिस, आदि।

जानें सर्वाइकल पेन के लक्षणों को

अब बात की जाए लक्षणों की, तो इसमें दर्द के साथ अकड़न जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। इस वजह से कई लोग अपनी गर्दन को स्वतंत्र रूप से घुमा नहीं पाते। इसके अलावा कुछ मौकों पर एक व्यक्तिगत जगह पर तेज़ दर्द उत्पन्न हो सकता है। सर्वाइकल पेन के लक्षण में एक दर्द वह भी शामिल है कि जब दर्द गर्दन से होते हुए कंधों और बाजुओं में भी महसूस होने लगे। यदि इस दर्द के साथ नस-संबंधी समस्या है तो बाजू और कंधों में सुन्नपन और कमजो़री जैसी स्थिति भी दिखने लगती है।

कई मौकों पर गर्दन से दर्द शुरू होकर सिर में भी होने लगता है जिससे व्यक्ति को खासा परेशानी हो सकती है। कुछ मौके ऐसे हो सकते हैं जब अचानक से या फिर रातों-रात दर्द होने लगता है। यदि सर्वाइकल पेन के लक्षण नजर आ रहे हैं और आपको लगातार प्रभावित कर रहे हैं, तो डॉक्टर को दिखाने में देरी ना करें। बेहतर सहायता के लिए मेवाड़ हॉस्पिटल के डॉक्टर्स से संपर्क करें।

गर्दन में दर्द के इलाज विकल्प

ऊपर बताए गए लक्षणों के अलावा यदि दर्द आपको बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है और यह कई दिनों से जारी है, तो कृपया डॉक्टर से बात ज़रूर करें। इसके अलावा यदि किसी चोट के कारण, उदाहरण के तौर पर गिरने से या एक्सीडेंट की वजह से गर्दन पर जो़र आ गया है और उसमें दर्द का एहसास हो रहा है, तो भी एक बार डॉक्टर की सहायता जरूर लें। यदि लक्षणों के साथ बुखार, उल्टी, कमजो़री, सुन्नता, या फिर बाजू और पैरों में दर्द की समस्या हो, तो भी सचेत रहने की ज़रूरत है।

चेकअप के दौरान डॉक्टर फिजिकल एक्जाम कर सकते हैं। इसके साथ ही वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। साथ ही यदि आप किसी तरह की दवाई या सप्लीमेंट ले रहे हैं तो उसके बारे में भी डॉक्टर को जरूर परिचित कराएं। अगर बात की जाए सर्वाइकल पेन के इलाज की, तो यह आमतौर पर इसके कारण पर निर्भर रहता है। दर्द के कारणों को बेहतर तरीके से पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट की भी जरूरत पड़ सकती है जिसमें खून की जांच सीटी स्कैन, एम.आर.आई. स्कैन, एक्स-रे, इलेक्ट्रोमायोग्राफी आदि शामिल हैं। कई मौकों पर इलाज स्वयं की देखभाल और आराम के माध्यम से ही चला जाता है। कुछ स्थितियां ऐसी होती हैं जहां बर्फ का सेक या गर्म सेक करने से दर्द दूर हो जाता है।

इसके अलावा कुछ प्रकार की दवाइयों के सेवन से भी सर्वाइकल पेन से छुटकारा मिल जाता है। अन्यथा फिजिकल थेरेपी की मदद से भी काफी आराम मिल सकता है और इसके माध्यम से बैठने का सही तरीका और गर्दन से जुड़ी एक्सरसाइज भी सीखने को मिल सकती है। कुछ परिस्थितियां ऐसी होती है जहां डॉक्टर को स्टेरॉइड इंजेक्शन का उपयोग लेना पड़ता है। इसकी मदद से भी दर्द, सूजन या जलन में आराम मिल जाता है। और आखिर में यदि कमर दर्द की या रीड की हड्डी से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है जहां गैर-सर्जिकल उपचार विकल्प काम नहीं आते, तो ऐसी स्थितियों में सर्जरी की आवश्यकता पड़ जाती है।

सर्वाइकल पेन से जुड़े घरेलू उपचार विकल्प

1. चाहे आप एक व्यस्त जीवन से ही क्यों ना गुज़र रहे हों, ज़रूरी है शरीर को बराबर आराम दिया जाए और बेहतर स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाए। सर्वाइकल पेन होने पर यह ज़रूरी है कि जब आप रेस्ट करें तो अपने आप को एक आरामदायक स्थिति में रखें।
2. वे गतिविधियां जिनके कारण दर्द बढ़ सकता है उन्हें कुछ समय के लिए आराम दें। फिर जैसे-जैसे दर्द में सुधार होता रहे वैसे ही धीरे-धीरे अपने रोज़मर्रा के कामों में पुऩः लौटें।
3. अब बात की जाए बर्फ और गर्म सेक की, तो ज़रूरी है कि यह एक निश्चित समय के लिए ही हो। जहां बर्फ का सेक सूजन को कम करने में काम आता है वही गर्म सेक के माध्यम से मांसपेशियों को आराम और अकड़न में सहायता मिलती है। लेकिन एक बात का खास ध्यान रखें कि चाहे बर्फ हो या गर्म सेक, दोनों को कपड़े या टावेल के माध्यम से उपयोग में लें। इन्हें सीधे त्वचा से लगाना हानिकारक हो सकता है।
4. डॉक्टर की सलाह से आप कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर सकते हैं जिसके माध्यम से सर्वाइकल पेन में आराम भी मिलता है और इससे आप अपनी फ्लैक्सिबिलिटी को भी बढ़ा सकते हैं।

सर्वाइकल पेन से दूर रहने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें

1. सर्वाइकल पेन के इलाज विकल्पों के अलावा आप कुछ बातों के माध्यम से इस परेशानी से दूर रह सकते हैं जिसमें सबसे पहले शामिल है धूम्रपान त्याग देना। जी हां, ऐसा इसलिए क्योंकि धूम्रपान के कारण हड्डियों को नुकसान पहुंचता है और इससे उपचार (healing) की प्रक्रिया भी धीमी हो जाती है।
2. यकीनन शरीर को आराम देना ज़रूरी है लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं कि हम अपने शरीर को सुस्त बना लें। एक स्वस्थ जीवन जीने और गर्दन में दर्द से दूर रहने के लिए अपने आपको चुस्त और तंदरूस्त रखें।
3. सोते समय ये ध्यान रहे कि आपका सर और गर्दन शरीर की सीध में हो। अपने सोने की स्थिति को बेहतर करने के लिए आप डॉक्टर की सहायता ले सकते हैं।
4. यदि आप मोटापे का सामना कर रहे हैं, तो कोशिश कीजिए कि अपने वजन को संतुलित मात्रा में लेकर आएं।
5. अब बात करते हैं तनाव कम करने की क्योंकि यह भी सर्वाइकल पेन के कारण में से एक माना जाता है। याद रखें कि ज़्यादा तनाव लेने से पूरे शरीर में गलत असर पड़ता है। इसलिए तनावपूर्ण जीवन से दूर होकर स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ें।
6. अपने दिनचर्या के कामों के साथ एक्सरसाइज को ज़रूर शामिल करें। खासतौर से वे जिनसे गर्दन और कंधों की मांसपेशियां मज़बूत हो।

मेवाड़ हॉस्पिटल का संदेश

हम उम्मीद करते हैं कि ऊपर दी गई जानकारी के माध्यम से आपने सर्वाइकल पेन को काफी अच्छी तरह समझ लिया होगा। अब ज़रूरत है अपने और परिवार के सदस्यांे के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की। यदि आप में से कोई इस तरह के दर्द को लंबे समय से महसूस कर रहा है और घरेलू उपचार के माध्यम से आराम नहीं मिल रहा, तो मेवाड़ हॉस्पिटल पधारें और हमारे डॉक्टर्स से मिलें। अन्य किसी भी सहायता के लिए हमारी टीम से संपर्क करें।

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