वर्क फ्राॅम होम के साइड इफेक्ट्स

August 18, 2021by admin-mewar
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वर्क फ्राॅम होम के साइड इफेक्ट्स, समस्याएं एवं शरीर पर होने वाले दुष्प्रभाव

आज के इस आधुनिक युग और बढ़ती टेक्नोलाॅजी ने हमें कई अवसर प्रदान किए हैं। कुछ समय पहले जो काम बेहद मुश्किल लगते थे, आज उन्हें करना आपके और हमारे लिए बहुत ही आसान हो गया है। आज से 4-5 साल पहले तक ‘‘वर्क फ्राॅम होम’’ का काॅन्सेप्ट लोगों के बीच इतना प्रचलित नहीं था जितना कि कोविड-19 द्वारा हुए लाॅकडाउन के दौरान हुआ। हालांकि साल 2020 के पहले भी दुनिया में हज़ारों लोग घर बैठे काम कर रहे थे। लेकिन उनमें फ्रीलान्सर्स (freelancers) की संख्या ज़्यादा थी। जो लोग फ्रीलान्सर के बारे में नहीं जानते हैं, वो कम शब्दों में इस तरह समझ लें कि ऐसे लोग जिनपर किसी कंपनी द्वारा उनकी बताई हुई जगह पर काम करना ज़रूरी नहीं। यानि कि वे लोग दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर अपने क्लाइंट्स या कंपनी के लिए काम कर सकते हैं।

क्या वर्क फ्राॅम होम एक अच्छा विकल्प है?

बीते एक से डेढ़ वर्ष के अंतराल की बात की जाए, तो कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्राॅम होम का अवसर प्रदान किया। कई लोगों ने इस कदम को सराहा। यहां तक कि कई कंपनियों ने इस तरह के काम देना भी शुरू कर दिए जबकि हालात सामान्य हो गए थे और कर्मचारियों की संख्या पर से प्रतिबंध हट गया था। लेकिन यह तो बात रही मजबूरी के दौर की, जहां इंसान ऑफिस तो दूर की बात है, घर से कुछ दूर ज़रूरी सामान लाने में भी परेशान हो रहा था। अब जब सबकुछ बेहतर है, तो आप क्या समझते हैं, क्या वर्क फ्राॅम होम का विकल्प आपके लिए बेहतर है? हां, कुछ लोग मजबूरी के लिहाज़ से इसे अपने लिए अच्छा मानेंगे। लेकिन याद रहे, कभी-कभी जिन बातों को हम अपने फायदे का सौदा समझते हैं, जरूरी नहीं कि वे पूर्ण रूप से हमारे लिए फायदेमंद हों।

आज इस ब्लाॅग के माध्यम से मेवाड़ हाॅस्पीटल की टीम आपको वर्क फ्राॅम होम से जुड़े कुछ साइड इफेक्ट्स से परिचित कराएंगी जिससे शायद आपका भी इस पद्धति के लिए विचार बदल जाए। हो सकता है शुरू के दिनों में इस तरह काम करना आपको मज़ेदार लगे, लेकिन समय गुज़रने के साथ शायद इससे होने वाले दुष्प्रभावों से आप परिचित हो जाएं। क्योंकि देखा यह गया है कि लोगों में वर्क फ्राॅम होम के दौरान थकान, चिंता, तनाव, नींद ना आना, नींद की कमी, सिरदर्द, आदि परेशानियां होने लगती हैं।

जानिए वर्क फ्राॅम होम से जुड़ी परेशानियों के बारे में

1. समय की अनियमितता
– हम ज़़रूर इस बात से सहमत हैं कि कई कंपनियां अपने कर्मचारियों के काम को सराहते हैं। लेकिन खासतौर से यह बात ऑफिस में ही देखने को मिलती है। जब बात आती है वर्क फ्राॅम होम की, एक व्यक्ति चाहे ऑफिस में 8 ही घंटे काम करे और उसे घर पर 10-12 घंटे काम करना पड़ जाए, कंपनियों को मालूम नहीं चल पाता कि आप कितनी मेहनत कर रहे हैं। शायद ज़्यादा काम करने पर भी किसी को यह सुनने मिल जाए कि आप ऑफिस के मुकाबले अपना योगदान घर पर कम दे रहे हैं।

जब आप ऑफिस में काम करते हैं, तो आपका एक टाइम टेबल सेट होता है। आपको पता रहता है कि मुझे कितनी बजे तक ऑफिस पहुंचना है, उसी हिसाब से आप तैयार होते हैं। समय पर जाना और आना आपको अनुशासन में रहना सिखाता है। साथ ही वहां पर लंच या फिर टी-ब्रेक का एक नियमित समय रहता है जिसके द्वारा आपके खाने-पीने का भी टाइम-टेबल सेट हो जाता है। लेकिन जब बात आती है वर्क फ्राॅम होम की, तो ऐसी स्थिति में आप अपनी मर्ज़ी के मालिक हैं। यकीनन आपके ऊपर काम देने की ज़िम्मेदारी तो इस वक्त भी है, लेकिन आपको कब उठना है, कब सोना है, कब खाना है, कैसे अपने काम को मैनेज करना है, इन सब का हिसाब-किताब आप अपने लिहाज़ से बना लेते हैं। और सच कहें तो कई ऐसे लोग हैं जो वर्क फ्राॅम होम के बाद अपना टाइम-टेबल बना ही नहीं पाते। चाहे वो दिन की जगह रात में काम कर लेंगे, दोपहर के भोजन की जगह नाश्ता और अगर भूख लग जाए तो शाम को कुछ स्नेक्स खा लेंगे। ऐसी अनियमितता वाली जिंदगी से कई पेरशानियां हो सकती हैं जिसका वर्णन हम नीचे वाले हिस्से में करेंगे।

2. वातावरण
ऑफिस में और घर पर काम करने में काफी फर्क है। जिन लोगों ने वर्क फ्राॅम होम किया है वो इस बात को बखूबी जानते और समझते हैं। जब आप ऑफिस में काम करते हैं, तो वहां काम करने का एक वातावरण मिलता है। आपके साथ कुछ और कर्मचारी भी घुल-मिल कर, कुछ बातें या सलाह मश्वरा कर अपने काम को गति देते हैं। लेकिन जब बात आती है घर पर काम करने की, तो फिर आपको काम के साथ-साथ अपनी फैमिली के लिए भी भरपूर समय निकालना पड़ेगा। जैसे कि अगर बात की जाए शादीशुदा लोगों की, उन्हें अपने बड़े-बुजुर्गों, बीवी-बच्चों को समय देना ही होगा, क्योंकि उनके पास और कोई विकल्प बचता भी नहीं है। अगर आप कह भी देंगे कि मुझे कुछ देर काम करने के लिए अकेला छोड़ दो, तो मुमकिन है कुछ समय बाद आपको ही उन लोगों की याद आने लग जाए। क्योंकि जब हम अपने प्रियजनों से दूर रहते हैं तो कहीं ना कहीं हम सब्र कर लेते हैं। पर यदि वो एक कमरे या कुछ दूरी के फासले पर बैठे हों, तो कितना ही ज़रूरी काम क्यों ना हो, हम ज़्यादा देर उसपर फोकस नहीं कर सकते। बार-बार उन लोगों का खयाल हमें विचलित करने लगता है।
या अगर मान लीजिए कि आपके कोई करीबी रिश्तेदार या मित्र आपसे मिलने घर आ गए हैं और आपको उसी समय अपने ऑफिस का एक ज़रूरी काम करना है, तो आप क्या करेंगे? ज़ाहिर है उस समय तो आपको कहीं ना कहीं मेहमानों को ही वक्त देना होगा। ऐसी और भी कई परिस्थितियां वर्क फ्राॅम होम के दरमियान आ सकती हैं।

3. मेंटल हैल्थ पर असर
वर्क फ्राॅम होम के साइड इफेक्ट्स में एक बड़ी ही अहम बात है मेंटल हैल्थ पर असर। कई लोगों के लिए ऐसा कदम सराहनीय हो सकता है। लेकिन ज़़रूरी नहीं कि हर इंसान को यह कदम अपने लिए बेहतर लगे। जैसे कि जो लोग लगातार एक ज़माने से ऑफिस में काम करते आ रहे हैं, उनके लिए कई चीजे़ आदत बन जाती है। जब वो लोग घर पर अपने काम को अंजाम देते हैं, तो उन्हें उस वातावरण में काफी फर्क देखने को मिलता है। अपने काम को सकुशल निपटाने के लिए कुछ लोगों को अपने स्टाफ या मैनेजर से बात करना ज़रूरी होता है। अगर वर्क फ्राॅम होम करने के बावजूद भी आप उस माहौल से संतुष्ट ना हों, तो यह महज़ मजबूरी में होने वाला काम कहलाएगा जिसे करने से आप अंदर से खुश ना हो पाएं। अगर ऐसा होता है, तो शायद इससे आपकी मेंटल हैल्थ पर भी फर्क पड़ सकता है।

4. उपकरणों की कमी
कई लोग आपको ऐसे भी देखने को मिल जाएंगे जिनके लिए वर्क फ्राॅम होम एक नया मौका है और उनके पास घर पर काम करने के लिए ज़रूरी सामान जैसे कि टेबल, आरामदायक कुर्सी आदि की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में उन लोगों के लिए सही अवस्था में बैठकर काम करना एक चुनौती बन जाता है। और कई बार तो ऐसा भी होता है कि जिन लोगों के पास लैपटाॅप जैसे उपकरण मौजूद रहते हैं वे लंबे समय तक अपने पैरों पर रखकर बिना रूके काम करते चले जाते हैं। लेकिन याद रहे, ऐसी गतिविधियों से आापका काम तो हो जाएगा, आपको समय पर अपनी सैलेरी भी मिल जाएगी, लेकिन आपको शरीर पर होने वाले नुकसान भी उठाने पड़ सकते हैं। जैसे कि कुछ दर्द का विवरण हमने नीचे किया है।

वर्क फ्राॅम होम से शरीर पर होने वाले दुष्प्रभाव

1. दर्द की समस्याएं
अगर आप सही पोस्चर में बैठकर काम नहीं करते हैं या फिर बिना रूके लंबे समय तक बैठते हैं, तो याद रखें इससे आपको कई प्रकार के दर्द का सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि कई लोगों को पीठ में दर्द की समस्या हो जाती है। इसके अलावा रीढ़ की हड्डी, गले और कंधे में दर्द को लेकर भी लोग परेशान रहते हैं। अगर ज़्यादा देर एक ही जगह बैठकर काम कर लिया जाए तो ऐसी स्थिति में कूल्हे का दर्द भी हो सकता है। और आखिर में बात की जाए घुटने की, तो यह हमारे शरीर के सबसे बड़े और जटिल जोड़ों में से एक है। यह भी ऐसे आम प्रकार का दर्द है जो कंप्यूटर या लैपटाॅप पर काम करने वालों को परेशान कर सकता है।
भले ही आप ऑफिस में काम करें या घर पर, कोशिश करें कि काम करते समय आपके शरीर का पोस्चर बिल्कुल सही हो। साथ ही लंबे समय तक एक जगह बैठकर काम करने से बचें। अन्यथा ऐसी दिक्कतें होना सामान्य है। और हां, अगर आपको जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ती हुई दिख रही है और दिन-बदिन दर्द बढ़ता जा रहा है, तो कृपया एक बार मेवाड़ हाॅस्पिटल ज़रूर पधारें। यहां हमारे अनुभवी आॅर्थोपेडिक डाॅक्टर्स आपको ऐसी परिस्थितियों में उचित सहायता प्रदान करेंगे।

2. आंखों से जुड़ी समस्याएं
अगर आप औसत से ज़्यादा देर तक अपने शरीर को बिना आराम दिए काम करते जाएंगे, तो ध्यान रहे कि इससे आंखों से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। लगातार आंखे गढ़ाए काम करने से आंखों में चुभन, जलन, या फिर नज़र से जुड़ी तकलीफें आ सकती हैं। और एक्स्पट्र्स द्वारा यह सलाह भी दी जाती है कि सोने से कुछ घंटे पहले (तकरीबन दो से तीन घंटे पहले) आप ब्राइट स्क्रीन से परहेज़ करें, चाहे वो मोबाईल की स्क्रीन हो, टी.वी. की या फिर डेस्कटाॅप और लैपटाॅप की। ऐसे इलेक्ट्राॅनिक गैजेट्स में से ब्लू लाईट निकलती है जो हमारी आंखों के लिए नुकसानदेह हो सकती है। और इससे अनिद्रा जैसी समस्या भी सामने आती है। ज़्यादा देर तक आंखों को स्क्रीन के सामने रखने से सिरदर्द जैसी परेशानी भी हो सकती है।

3. शरीर में वज़न की वृद्धि
जब आप घर पर हों और खाने-पीने के कई आॅप्शन्स आपके सामने हों, तो फिर काम करते समय आपका ध्यान कहीं ना कहीं उस चीज़ों की तरफ केंदिªत हो सकता है। अधिकतर लोग जो वर्क फ्राॅम होम पसंद करते हैं, उनके खाने-पीने का कोई निश्चित प्लान नहीं होता। खासतौर से बात की जाए युवाओं की, तो उनके लिए जंक फूड और काॅफी एक बेहतरीन पंसद है काम करते समय। याद रहे, बिना किसी शारीरिक गतिविधि के घंटों बैठने और अनहैल्दी फूड के सेवन से आपके शरीर का वज़न बढ़ सकता है और आप मोटापे का शिकार हो सकते हैं। चाहें आप वर्क फ्राॅम होम करें या ना करें, कोशिश करें कि अपने खाने-पीने का पूरा ध्यान रखंे और पोषण-युक्त आहार का सेवन करें।

कुछ ज़रूरी बातें

कई लोगों के लिए अकेले काम करना एक बड़ी चुनौती है। कई बार लंबे समय तक अकेले काम करते-करते मन चिड़चिड़ा सा हो जाता है। यकीनन इस तरह का कदम कई लोगों के लिए लाभदायक हो सकता है, लेकिन सबके लिए नहीं। हर गतिविधि के कुछ फायदे और कुछ नुकसान होते हैं। यह बात हम वर्क फ्राॅम होम के लिए भी बोल सकते हैं। हमने वर्क फ्राॅम होम से जुड़े कई नुकसान के बारे में आपको परिचित करा दिया है जिन्हें पढ़ने के बाद आप खुद अंदाज़ा लगा सकते हैं।

अगर आपको मजबूरीवश वर्क फ्राॅम होम करना ही है, तो कुछ बातों को ध्यान में रखकर काम कर सकते हैं।

1. नियमित तौर पर व्यायाम करें। यदि दिलो-दिमाग तंदरूस्त रहेंगे तो काम करने में भी मज़ा आएगा और शायद आप कई तरह की परेशानियों से भी दूर रहेंगे।
2. काम करते समय अच्छे पाॅस्चर को अपनाएं। गलत पोस्चर शरीर के लिए नुकसानदायक है।
3. अपने काम करने के घंटों को ऑफिस के शेड्यूल की तरह बांट लें। जैसे कि हर आधे घंटे में कुछ मिनटों का ब्रेक, लंच टाइम, नाश्ते का टाइम, और मुमकिन हो तो बीच में कुछ देर के लिए पावर नैप ले लें।
4. अगर आप थके हुए महसूस कर रहे हैं या काम करते करते ऊब गए हैं, तो कुछ पल अपने परिवारजन या बच्चों के साथ बिता लें जिससे आपका मन बहल जाए। और अपने काम से फ्री होकर यह भी सुनिश्चित करलें कि आपको अपने परिवारजनों के लिए एक निश्चित समय प्रतिदिन निकालना है। ताकि आप उनके साथ खुशी के पल बिताएं और यह गतिविधि आपके तनाव को कम कर दे।
5. अपने काम को पूरा करने के बीच में आलस को ना आने दें। हो सकता है कि काम करते समय आपको थकान हो या काम करने का मन ना हो, जिसकी वजह से आप सोचें कि ये काम बाद में या कल कर लेंगे। अगर इस बात की आदत लग जाए तो आगे चलकर आपको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
और यदि आपको स्वास्थ्य-संबंधी कोई परेशानी होती है, तो कृपया मेवाड़ हाॅस्पीटल की टीम से संपर्क करें। हम आपकी सेवा के लिए राजस्थान और मध्यप्रदेश के कई शहरों में हाज़िर हैं।

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