क्यों तनाव एवं चिंता हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है?

July 27, 2022by admin-mewar
https://www.mewarhospitals.com/wp-content/uploads/2022/07/stress-and-bone-health-hindi-compressed-1.jpg

क्यों तनाव एवं चिंता हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है?

आज का यह दौर बड़ा ही आधुनिक हो चुका है जिसमें हम विभिन्न प्रकार की समस्याओं का समाधान आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। मुख्य रूप से अगर बात की जाए मेडिकल सेवाओं की, कई ऐसे उपाय हैं जिनकी मदद से एक व्यक्ति अपनी सेहत को बेहतर बना सकता है। फिर भी कुछ ऐसी समस्याएं हमारे और आपकी आंखों के सामने हंै जिनका इलाज करना बहुत ही कठिन है। जी हां, हम बात कर रहे हैं एक ऐसी अवस्था की जिससे आप और दुनिया के करोड़ों लोग बहुत अच्छी तरह से परिचित हैं-तनाव एवं चिंता।

आखिर क्यों हानिकारक हैं तनाव एवं चिंता?

दोनों ही शब्द एक दूसरे से मेल रखते हैं। लेकिन जितने छोटे ये दिखाई देते हैं, उतना ही बड़ा ये हमारे जीवन में प्रभाव डालते हैं। हममें से कई लोग किसी ना किसी बात की वजह से परेशान रहते हैं और उसके कारण हम तनाव में भी आ जाते हैं। मुमकिन है कई लोग इससे दूर रहने की कोशिश भी करते होंगे। लेकिन जो व्यक्ति अपने दिनचर्या में तनाव को बढ़ावा देते हैं, उन्हें मालूम होना चाहिए कि इसके कारण ना जाने कितनी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। तनाव हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की समस्याओं को बढ़ावा देता है। इसमें कुछ स्थितियां हैं सिरदर्द, सीने में दर्द, सोने में परेशानी, हृदय-संबंधी परेशानी, ब्लड प्रेशर की समस्या आदि। लेकिन इन सभी परिस्थतियों से अलग आज मेवाड़ हाॅस्पिटल की टीम बात करने जा रही है शरीर के बेहद महत्त्वपूर्ण अंग-हड्डी की। इस ब्लाॅग के ज़रिए हम बताएंगे आखिर कैसे तनाव और चिंता हमारी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है।

तनाव और हड्डियों के स्वास्थ्य का संबंध

हड्डियां हमारे मस्क्यूलोस्केलेटल सिस्टम (musculoskeletal system) का बेहद महत्त्वपूर्ण भाग है जो कई अंगों को सुरक्षित रखने में उपयोगी होती हैं। ये हमारे शरीर को सहारा देती हैं, हिलने-ढुलने में सहायक होती हैं और कई अन्य गतिविधियों में मदद करती हैं। इस बात के सबूत पाए गए हैं कि दिमागी तनाव की वजह से हड्डियों पर बुरा असर पड़ने की संभावना बढ़ जाती है और कई तरह की परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। ज़्यादा तनाव या चिंता के कारण बोन मिनरल डेंसिटी (bone mineral density) पर बुरा असर पड़ता है जिसके कारण फ्रेक्चर जैसी समस्या देखने को मिल सकती है।

कोर्टिसोल हार्मोन के बारे में समझिए

कोर्टिसोल हार्मोन (cortisol hormone) एड्रिनल ग्लेंड्स (adrenal glands) से उत्पन्न होता है जो तिकोने अंग में होते हैं और हमारी किडनी के ऊपरी भाग में पाए जाते हैं। कोर्टिसोल को स्ट्रेस हाॅर्मोन (stress hormone) भी कहा जाता है। ये हमारे शरीर की तनाव प्रतिक्रिया को नियंत्रित करता है। और ये ही नहीं, इसके अन्य कई महत्त्वपूर्ण कार्य होते हैं, जैसे कि ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और इंसुलिन के लेवल को नियंत्रित करना, सूजन को कम करना, सोने-उठने के चक्र को नियंत्रित करना, और शरीर के मेटाबोलिज़्म को नियंत्रित करने में मदद करना आदि। यदि सामान्य से ज़्यादा या सामान्य से कम कोर्टिसोल की मात्रा हमारे शरीर में पाई जाती है तो इससे हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। हमारा शरीर कोर्टिसोल रिलीज़ करता है जब हम किसी तरह के तनाव को महसूस करते हैं। खासतौर से बात की जाए कोर्टिसोल और हड्डियों के स्वास्थ्य की, अत्यधिक कोर्टिसोल की उपस्थिति होने पर ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) नामक बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।

तनाव और ऑस्टियोपोरोसिस

यह बड़ी ही विचलित कर देने वाली बीमारी है जिसमें हड्डियां बहुत ज़्यादा कमज़ोर हो जाती हैं। इस स्थिति में मामूली चोट या साधारण रूप से गिरने के कारण भी हड्डी टूट सकती है। यदि बात की जाए स्वस्थ हड्डियों की, इनके बीच में बहुत छोटी खाली जगहें होती हैं जो माइक्रोस्कोप से देखने पर शहद के छत्ते की तरह लगती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस के कारण स्वस्थ हड्डी में ये खाली जगह बड़ी हो जाती हैं जिस वजह से हड्डी कमज़ोर हो जाती है। ऑस्टियोपोरोसिस होने की एक मुख्य वजह ज़्यादा तनाव भी है। बहुत ज़्यादा तनाव होने पर बोन मिनरल डेंसिटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिस वजह से इस तरह की बीमारी व्यक्ति के शरीर में पाई जा सकती है। समय पर नई हड्डी पुरानी हड्डी को बदलती रहती है। लेकिन आॅस्टियोपोरोसिस में ऐसा नहीं हो पाता। ऐसी स्थितियों में हड्डी नाजु़क और झरझरी-सी होने लग जाती है।हालांकि जिस व्यक्ति में आॅस्टियोपोरोसिस पाया जाता है उसे ज़्यादा तनाव महसूस हो सकता है क्योंकि पहले के मुकाबले अब उसे ज़्यादा संभल कर रहने की ज़रूरत होगी। लेकिन मेवाड़ हाॅस्पिटल की टीम ऐसे मौकों पर तनाव ना करने का अनुरोध करेगी। चिंता करने के बजाय आप डाॅक्टर्स से मिलकर उचित उपायों के बारे में जानकारी हासिल करें जिससे आप एक बेहतर जीवन जी सकें। यह बात बिल्कुल सच है कि इस बीमारी को डाॅक्टर्स द्वारा पूर्ण रूप से सही नहीं किया जा सकता, लेकिन ये भी जान लें कि उचित उपचार की मदद से हड्डियों की सुरक्षा हो सकती है और उन्हें मज़बूत बनाया जा सकता है।

औरतों में तनाव की उपस्थिति

ऐसा माना जाता है कि पुरूषों के मुकाबले औरतों में तनाव की स्थिति ज़्यादा उत्पन्न होती है। इस बारे में खोज करने पर यह सामने आया कि औरतों में तनाव-युक्त जीवन और हड्डी-संबंधी समस्या का आपस में मेल है। स्वाभाविक रूप से किसी ना किसी वजह से तनाव एवं चिंता हो सकती है। लेकिन इसे हमेशा के लिए अपने जीवन में जगह ना दें और स्वस्थ रहने के उपायों को अपनाएं। अब मेवाड़ हाॅस्पिटल की टीम बात करने जा रही है उन उपायों की जिनके माध्यम से आप अपने हड्डियों को सुरक्षित और मज़बूत कर सकते हैं।

हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उपाय

1. अपने खान-पान पर सदैव ध्यान दें
यदि आपको लंबे समय तक हड्डी-संबंधी परेशानियों से बचे रहना है तो नियमित रूप से अपने खान-पान पर ध्यान देना होगा। इसके लिए आप कैल्शियम-युक्त आहार का सेवन ज़रूर करें। उसके लिए आप डेयरी प्राॅडक्ट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा बादाम, ब्रोकली, मछली आदि भी लाभदायक हैं। कैल्शियम के साथ आपको ज़रूरत है विटामिन-डी की जिसका बेहतरीन माध्यम है सूरज की रोशनी। इसके अलावा भी कई विकल्प मौजूद हैं, जैसे कि विभिन्न प्रकार की मछलियां, दूध, अण्डे, मशरूम आदि। यदि आप एक संतुलित डाइट लेना चाह रहे हैं तो डाॅक्टर से मिलें और इस बारे में बात करें।
इसके अलावा विटामिन-सी युक्त आहार भी ज़रूर खाएं जिसका एक बेहतरीन स्त्रोत सब्जियां हैं। इसके अलावा प्रोटीन की मात्रा लेने का भी पूरा ध्यान रखें क्योंकि यह स्वस्थ हड्डियों के लिए बहुत ज़रूरी है। और आखिर में मैग्निशियम, ज़िंक और ओमेगा-3 फैट्स भी इन परिस्थितियों में आपकी मदद कर सकते हैं।

2. व्यायाम ज़रूर करें
हड्डियों और मांसपेशियों को मज़बूत बनाने के लिए आप विभिन्न तरह की एक्सरसाइज़ कर सकते हैं। कोशिश करें कि आप प्रतिदिन थोड़ा समय निकालकर यह गतिविधि करें ताकि आपके शरीर और हड्डियों को फायदा पहुंच सके। हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए वज़न उठाने वाली एक्सरसाइज़ काफी लाभदायक मानी जाती है। औरतें चाहें तो डाॅक्टर की सलाह से घर पर ही कुछ समय निकालकर एक्सरसाइज़ कर लिया करें।

3. अच्छी आदतों को अपनाएं
इन सभी बातों पर ध्यान देने के अलावा आपको एक ज़रूरी बात पर भी गौर करने की ज़रूरत है। जी हां, अपने शरीर के वज़न को संतुलित रखें। ज़रूरत से ज़्यादा कम वज़न और अत्यधिक वज़न, दोनों ही हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए दुखदायी साबित हो सकते हैं।

4. बुरी आदतों से बचें
अच्छी आदतों को अपनाने के साथ ही यह भी ज़रूरी है कि बुरी आदतों को त्याग दिया जाए। यदि कोई व्यक्ति धुम्रपान या शराब का सेवन करता है तो उन्हें आज ही इसे छोड़ देना चाहिए क्योंकि ना सिर्फ ये आपकी हड्डियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि पूरे शरीर में अपना दुष्प्रभाव छोड़ते हैं।

तनाव दूर करने के कुछ उपाय

1. कुछ परिस्थितियां ऐसी आ जाती हैं जिससे व्यक्ति का मन विचलित हो जाता है और वो कुछ बातों को सोच-सोचकर परेशान रहता है। ऐसी स्थिति में वे अपने शरीर के स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाता। लेकिन ध्यान रखें, ऐसा ना होने दें। चाहे कोई पारिवारिक परेशानी हो या काम से संबंधित, अपने शरीर को चुस्त और एक्टिव रखें। इसका एक बेहतर उपाय है कसरत जिसके माध्यम से आप तनाव को नियंत्रित कर सकते हैं।
2. कुछ समय के लिए सभी तनाव-संबंधी बातों को भूल जाएं, अपनी आंखें बंद करें और मेडिटेशन करें। गहरी सांसें लेने से भी ऐसी परिस्थतियों में कुछ फायदा मिल सकता है। कुछ समय के लिए बाहर हरियाली में समय बिताएं। प्राकृतिक सौंदर्य की मदद से भी मन शांत होता है।
3. जब आपका मन चिड़चिड़ा-सा हो रहा हो, तो अपने परिवार वालों या खास दोस्तों के साथ कुछ समय के लिए बैठें, उनसे बात करें और अपना मन हल्का करें। इससे भी आपको तनाव से आराम मिल सकता है।
4. चिंता की वजह से कभी-कभी इंसान की पूरी रात करवटें बदलने में ही चली जाती है और उसकी नींद पूरी नहीं हो पाती जिस वजह से वे चिड़चिड़ा होने लगता है। इसलिए कोशिश करें कि आप पर्याप्त नींद लें।
5. अपने खाने का भी पूरा ध्यान रखें। जितना मुमकिन हो पोषण-युक्त डाइट का पालन करें।

एक ज़रूरी संदेश

हमारे जीवन में कई बार ऐसे हालात बन जाते हैं जहां ना चाहते हुए भी तनाव प्राकृतिक रूप से हो जाता है। लेकिन फिर भी, हमें इससे बचने की ज़रूरत है खासतौर से इसलिए क्योंकि इसके एक नहीं, अनेक दुष्परिणाम हमारे शरीर को झेलने पड़ सकते हैं। ऊपर आपने आॅस्टियोपोरोसिस के बारे में पढ़ा। यदि इस बीमारी की वजह ज़्यादा तनाव या डिप्रेशन बन जाती है, तो सोचिए हमें कितनी समस्याओं को झेलना पड़ सकता है। एक सामान्य व्यक्ति के मुकाबले हमें बहुत ही ध्यान से चलना-फिरना होगा, अन्य गतिविधियों को भी करते समय सचेत रहना होगा, अन्यथा एक सामान्य फ्रेक्चर होने पर भी हमें हफ्तों तक अपने दिनचर्या के कामों में बाधा सहनी पड़ सकती है।
इसलिए अपनी सेहत और खासतौर से हड्डियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। मेवाड़ हाॅस्पिटल की टीम और हमारे काबिल ऑर्थोपेडिक डाॅक्टर्स अपनी सेवाओं के साथ आपकेे लिए सदैव उपलब्ध हैं। किसी भी तरह की परेशानी होने पर कृपया ज़रूर संपर्क करें।

आप हमसे FacebookInstagramTwitterLinkedinYouTube Pinterest पर भी जुड़ सकते हैं।

अपने ट्रीटमेंट्स से जुड़े सवाल पूछने के लिए आज ही देश की सर्वश्रेष्ठ ऑर्थोपेडिक टीम से बात करें।

Call now 0294 6633330

About Mewar Hospitals

Priyadarshani Nagar, Bedla,
Udaipur, Rajasthan 313001

YouTube
Connect With Us
Social Networks

Copyright 2020 by Mewar Hospitals. All rights reserved.

Copyright 2020 by Mewar Hospitals. All rights reserved.

Request a Call Back

Kindly fill in your details for Consultation

    x