कैल्शियम की कमी को कैसे दूर करें?

December 28, 2022by admin-mewar
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कैल्शियम की कमी को कैसे दूर करें?

शरीर में पोषक तत्वों के स्तर को निरंतर रूप से संतुलित रखना एक बेहतर स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। यदि हमारे शरीर में किसी एक या उससे अधिक पोषक तत्वों की कमी पाई जाती है तो हमें विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आज मेवाड़ हाॅस्पिटल की टीम ऐसे ही महत्त्वपूर्ण पोषक तत्व की बात करने जा रही है जिसकी हर उम्र के व्यक्ति को ज़रूरत है। जी हां, हम बात कर रहे हैं कैल्शियम की। आज हम कैल्शियम और इसकी कमी से जुड़ी कई ज़रूरी बातें आप तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे। तो आइए सबसे पहले जानते हैं कैल्शियम की परिभाषा और शरीर में उसके महत्त्व के बारे में।

क्या होता है कैल्शियम?

ये एक प्रकार का मिनरल है जिसे मुख्य रूप से हड्डियों के स्वास्थ्य के साथ जोड़ा जाता है। इसके अलावा भी शरीर में कैल्शियम के विभिन्न भूमिकाएं होती है। हड्डियों को फायदा पहंुचाने के अलावा ये मांसपेशियों, नस-संबंधी गतिविधियों, दिल की धड़कन को सामान्य रूप से चलाने आदि में उपयोगी है। कैल्शियम दिमाग से शरीर के दूसरे अंगों के बीच बेहतर संपर्क बनाने में भी अहम भूमिका निभाता है। शरीर का 99 फीसदी कैल्शियम हड्डियों और दांतों में पाया जाता है। इसके माध्यम से उन्हें कठोरता एवं बनावट प्राप्त होती है। बचा हुआ 1 फीसद खून, मांसपेशियों एवं अन्य टिशूज़ मे होता है। प्राकृतिक रूप से कैल्शियम कई खाने वाली वस्तुओं में पाया जाता है। बाज़ार में इसके सप्लीमेन्ट्स भी मिलते हैं।

आइए अब उम्र के अनुसार जानते हैं लोगों को कितनी मात्रा में कैल्शियम की ज़रूरत रहती है।

कैल्शियम की मात्रा उम्र अनुसार

जन्म से लेकर 6 महीने के बच्चे तक- 200 मिलीग्राम
7 से 12 महीने के बच्चे तक- 260 मिलीग्राम
1 से 3 साल के बच्चे तक- 700 मिलीग्राम
4 से 8 साल के बच्चे तक- 1000 मिलीग्राम
9 से 18 साल के बच्चे तक- 1300 मिलीग्राम
19 से 50 साल के लोगों तक- 1000 मिलीग्राम
51 से 70 साल के लोगों तक- 1000 मिलीग्राम पुरूषों के लिए और 1200 मिलीग्राम औरतों के लिए
71 साल और उससे ऊपर की आयु तक- 1200 मिलीग्राम

जानें हाइपोकैल्शिमिया (hypocalcemia) के बारे में

हाइपोकैल्शिमिया उस स्थिति को कहा जाता है जब खून में कैल्शियम की मात्रा कम हो जाती है। यदि कैल्शियम की मात्रा लंबे समय तक कम रहती है, तो इससे कई सारी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है जिसमें प्रमुख है ऑस्टियोपोरोसिस । इसके अलावा भी कई ऐसी परेशानियां हैं जो व्यक्ति को विचलित कर सकती हैं। जैसे कि अगर बात की जाए मांसपेशियों की, तो उनमें दर्द, सुन्नता, ऐंठन जैसी परिस्थति उत्पन्न हो जाती है। वहीं दूसरी ओर कैल्शियम की कमी से चमड़ी रूखी हो जाती है। नाखून भी रूखे, नाजु़क, और टूटने लग जाते हैं। दंात-संबंधी परेशानी भी सामने आ सकती है जिसमें प्रमुख है दांतों में सड़न, कमज़ोर दांत, मसूड़ों में दिक्कत आदि।

कैल्शियम की कमी को दूर करने के उपाय

रोज़मर्रा के जीवन में खाई जाने वाली कई ऐसी वस्तुएं हैं जिनमें कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। आइए बात करते हैं ऐसी ही कुछ वस्तुओं के बारे में।
1. दूध (Milk)
ये माना जाता है कि हमारे शरीर को प्रतिदिन जितने कैल्शियम की ज़रूरत होती है उसका लगभग एक तिहाई हिस्सा एक गिलास दूध में पाया जाता है। इससे आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि कैल्शियम के संबंध में दूध हमारे लिए कितना फायदेमंद होता है। इसके अलावा दूध में प्रोटीन, विटामिन ए और विटामिन डी भी पाया जाता है। इसलिए दूध का सेवन निरंतर करें और अपने बच्चों को भी इसे पिलाने की आदत डालें।
2. मछली (Fish)
मछली हमारे शरीर के लिए विभिन्न पोषक तत्व हासिल करने का बड़ा ही बेहतरीन स्त्रोत है। मुख्य रूप से बात की जाए कैल्शियम की, सार्डिन्स और केन्ड साल्मन में इसकी भरपूर मात्रा देखने को मिल जाती है।
3. बादाम (Almond)
बादाम को कैल्शियम का बेहद बड़ा ही उत्कृष्ट स्त्रोत माना जाता है। वैसे तो ये हमारे शरीर के लिए बेहद लाभदायक है, लेकिन अगर बात की जाए छिलकेदार मेवों ;दनजेद्ध की, बादाम में कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
4. ओरेंज जूस (Orange Juice)
फोर्टिफाइड ओरेंज जूस भी कैल्शियम हासिल करने का बेहतरीन ज़रिया है। एक कप जूस में आपको कैल्शियम के अलावा कुछ तरह के विटामिन्स भी प्राप्त होंगे।
5. चीज़ (Cheese)
ये एक डेयरी उत्पाद है जो दूध से बना होता है। और जैसा कि हमने बताया कि दूध भी कैल्शियम हासिल करने का बहुत अच्छा विकल्प है। इसके फलस्वरूप चीज़ के सेवन से भी शरीर में कैल्शियम के स्तर को वृद्धि मिलेगी।
6. योगर्ट (Yogurt)
इसे भी कैल्शियम का बढ़िया स्त्रोत माना जाता है। सादा योगर्ट के अंदर अच्छी मात्रा में कैल्शियम की उपस्थिति होती है। योगर्ट भी दूध से तैयार होता है जिसका रंग सफेद होता है और ये स्वाद में खट्टा होता है। कुछ लोग इसे दही समझते हैं लेकिन ये दही से अलग होता है।
7. ब्रोकली (Brocolli)
हरी पत्तेदार सब्ज़ियों की श्रेणी में ब्रोकली भी कैल्शियम का एक बेहतरीन स़्त्रोत मानी जाती है। मुख्य रूप से पालक के बारे मेें कहा जाता है कि उसमें भी कैल्शियम की मात्रा होती है लेकिन हमारा शरीर उसे पचा नहीं पाता है। इसके अलावा भी कुछ ऐसी हरी सब्ज़ियां हैं जिनमें आॅक्सेलेट की मात्रा पाई जाती है जो कैल्शियम के अवशोषण ;ंइेवतचजपवदद्ध को कम कर सकती हैं।
8. अंजीर (Fig)
ड्राई फ्रूट्स की श्रेणी में अंजीर का बहुत बड़ा स्थान है। कैल्शियम के अलावा इसमें पोटेशियम और विटामिन के भी पाया जाता है जो हमारी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है। कैल्शियम के लेवल को बढ़ाने के लिए ड्राई फ्रूट्स की श्रृंखला में आप अंजीर को प्राथमिकता दे सकते हैं।
9. वे प्रोटीन (Whey Protein)
ये एक प्रकार का प्रोटीन है जो दूध में पाया जाता है और इसके स्वास्थ्य-संबंधी कई फायदे हैं। वे प्रोटीन पाउडर आमतौर पर फिटनेस का ध्यान रखने या जिम करने वाले लोगों को उपयोग में लेते हुए ज़्यादा देखा जाता है। और ये वाकई फायदेमंद है। खासतौर से बात की जाए कैल्शियम की, तो एक स्कूप पाउडर जो लगभग 30 ग्राम का होता है, उसमें तकरीबन 155 मिलीग्राम के आसपास कैल्शियम पाया जाता है।
10. अन्य (Others)
बताए गए विकल्पों के अलावा चीया सीड्स, सोयबीन्स, सरसों के बीज, कुछ दालें, फोर्टिफाइड फूड्स, सोय मिल्क आदि भी कैल्शियम के स्तर को बढ़ाने में सहायक होते हैं।

कैसे पहचानें शरीर में कैल्शियम की कमी है?

यदि शरीर में कैल्शियम की कमी है तो व्यक्ति को कुछ संकेत मिल सकते हैं। इनमें शामिल है मांसपेशियों में ऐंठन या दर्द, अव्यवस्थित दिल की धड़कनें, फ्रेक्चर आदि। इसके अलावा भी कुछ ऐसे मौके होते हैं जहां कैल्शियम की कमी सामने आ सकती है। जैसे कि महिलाओं में एक स्थिति जिसे मेनोपाॅस (menopause) कहा जाता है। ये वो समय होता है जहां माहवारी (menstrual period) रूक जाती है। इस स्थिति के बाद धीरे-धीरे उनकी बोन मिनरल डेंसिटी कम होने लग जाती है। इसलिए ज़रूरी है कि वे प्रतिदिन 1200 मिलीग्राम कैल्शियम की मात्रा को पूरी करें अन्यथा ऐस्ट्रोजन हाॅर्मोन की कमी के कारण आॅस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।
एक अवस्था और भी है जिसे हाइपरपेराथाइराॅइडिज़्म (hyperparathyroidism) कहा जाता है। इस स्थिति में शरीर पेराथाइराॅइड हाॅर्मोन बनाना कम कर देता है जिसके फलस्वरूप कैल्शियम की कमी देखने को मिल जाती है। और हां, याद रखें, कैल्शियम को बहुत अधिक मात्रा में ना लें। अन्यथा इससे पेट में दर्द और दस्त जैसी समस्या हो सकती है। सप्लीमेन्ट्स लेते समय भी ध्यान रखें और बेहतर सलाह के लिए चिकित्सक की राय लें।

डाॅक्टर से कब संपर्क करें?

यदि आपको बताए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो डाॅक्टर से ज़रूर संपर्क करें। ऐसे मौकों पर आपकी सहायता आर्थोपेडिक डाॅक्टर बेहतर तरीके से कर पाएंगे। मेवाड़ हाॅस्पिटल में बेहतरीन आॅर्थोपेडिक डाॅक्टर्स की टीम आपकी सेवा में हाज़िर है। आप राजस्थान और मध्य प्रदेश के हमारे सेन्टर्स पर पधारें और हमारे विशेषज्ञों से बात करें। डाॅक्टर आपसे मेडिकल और फैमिली हिस्ट्री के बारे में पूछेंगे। यदि आपके परिवार में किसी को आॅस्टियोपोरोसिस की समस्या हो तो उसे भी स्पष्ट कर दें। कैल्शियम की कमी का अंदाज़ा लगाने के लिए मुख्य रूप से ब्लड टेस्ट की सहायता ली जाती है जिससे ब्लड कैल्शियम लेवल का पता लगता है। रिपोटर््स के आधार पर इलाज किया जाता है।

कैल्शियम की कमी के इलाज

मुुख्य रूप से इलाज के लिए हमने आपको कई सारी वस्तुओं से परिचित कराया। इनके अलावा भी कई ऐसी वस्तुएं हैं जिनमें कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है और वे इस कमी को पूरा करने में सहयोगी होती हैं। हांलाकि कुछ मौके ऐसे हो सकते हैं जहां सिर्फ इन वस्तुओं के सेवन से काम ना चले। ऐसी परिस्थतियों में सप्लीमेन्ट्स की आवश्यकता पड़ती है। इनमें शामिल हैं कैल्शियम सिट्रेट, कैल्शियम फोस्फेट एवं कैल्शियम कार्बोनेट। याद रहे कि इन सप्लीमेन्ट्स का सेवन डाॅक्टर की सलाह के बाद ही करें।
यदि डाइट में बदलाव या सप्लीमेन्ट्स के कारण भी इलाज असफल हो रहा हो, तो फिर कैल्शियम इंजेक्शन की मदद ली जा सकती है। कैल्शियम के साथ ही डाॅक्टर विटामिन डी के लेवल को बैलेंस करने की भी सलाह दे सकते हैं। ऐसा इसलिए क्यांेकि ये शरीर में कैल्शियम के अच्छे स्तर को बनाए रखने में अहम योगदान देता है।

मेवाड़ हाॅस्पिटल की टीम का संदेश

अपने स्वास्थ्य का पूर्ण रूप से ध्यान रखें। अपने और पूरे परिवार के लोगों के खान-पान पर खास नज़र रखें और उन चीज़ों का सेवन रोज़मर्रा की ज़िंदगी में ज़रूर करें जिनमें पोषक तत्वों की मात्रा अच्छी हो। हमारे और आपके सामने कई ऐसे विकल्प मौजूद हैं जो आसानी से उपलब्ध रहते हैं और उनकी मदद से हम कई परेशानियों से दूर रह सकते हैं। खासतौर पर इस ब्लाॅग के माध्यम से हम कैल्शियम की कमी के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहते हैं। हम उम्मीद करते हैं बताई गई बातें आपने अच्छी तरह समझी होंगी और आप अपने पोषक तत्त के स्तर को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे।
यदि आपको इसके अलावा भी किसी तरह की समस्या है तो आज ही हमारी टीम से संपर्क करें और उचित इलाज प्राप्त करें।

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