असामान्य ढंग से चलने-फिरने के कारण एड़ी में दर्द की समस्या

August 24, 2022by admin-mewar
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एड़ी में दर्द के कारण, लक्षण ओर इलाज

हम इस बात को बखूबी समझते हैं कि हमारे शरीर में उपस्थित हर अंग का अपना एक काम होता है। यदि किसी भी अंग के संचालन में परेशानी होती है तो उसका असर दूसरे अंगों या फिर पूरे शरीर में देखने को मिलता है। मानव शरीर में ऐसे कई अंग हैं जिनका महत्त्व बहुत ज़्यादा है लेकिन हमारा ध्यान उनकी तरफ बाकी अंगों की तरह नहीं जा पाता। आज मेवाड़ हॉस्पिटल की टीम बात करेगी शरीर के ऐसे ही एक हिस्से की जिसमें होने वाला दर्द आपकी दिनचर्या को काफी प्रभावित कर सकता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं एड़ी में दर्द की। इस तरह की समस्या आपने कई लोगों के मुंह से ज़रूर सुनी होगी। लेकिन इससे जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जिनसे आप परिचित नहीं होंगे। आज हम उन्हीं कुछ बातों को इस ब्लॉग के ज़रिए आप तक पहुंचाएंगे।

एड़ी और उसमें दर्द से जुड़ी कुछ सामान्य बातें

1. यह हमारे शरीर के निचले हिस्से में पैर के पीछे की ओर उपस्थित रहती है।
2. शरीर के इस महत्त्वपूर्ण अंग का बाहरी आकार केल्केनियस (calcaneus) द्वारा बनता है जो कि हील बोन (heel bone) के नाम से भी जानी जाती है। यही हील बोन हमारे पैर की सबसे बड़ी हड्डी होती है।
3. किसी प्रकार की गतिविधि, जैसे चलने या दौड़ने के समय एड़ी का अहम किरदार होता है।
4. 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों में यह परेशानी खासतौर से देखने को मिलती है। लेकिन यह युवा वर्ग और बच्चों में भी पाई जाती है। इसके अलावा एथलीट्स में भी इस दर्द के होने का खतरा ज़्यादा रहता है।
5. वैसे तो एड़ी में दर्द आमतौर पर बिना किसी उपचार के ठीक हो जाता है। लेकिन कुछ मौकों पर यह लगातार परेशान कर सकता है और गंभीर बन सकता है।
6. एड़ी में दर्द के कारण कई तरह के कार्यों के करने में बाधा आ जाती है जिसमें सामान्य रूप से चलना शामिल है।

एड़ी में दर्द की समस्या

दुनिया में लाखों लोग इस तरह के दर्द से प्रभावित हैं। यह एड़ी को ज़रूरत से अधिक प्रयोग में लेने से या किसी चोट के कारणवश देखने को मिलता है। एड़ी में दर्द अंदर की ओर या पीछे की तरफ महसूस हो सकता है। यदि इस प्रकार की समस्या लगातार देखने को मिल रही है तो कृपया देर ना करें। अन्यथा समस्या बढ़ सकती है और इसे ठीक होने में ज़्यादा समय लग सकता है। एड़ी में दर्द के इलाज के लिए मेवाड़ हॉस्पिटल के डॉक्टर्स से सहायता प्राप्त करें।

जानें एड़ी में दर्द के कारणों को

1. प्लेन्टर फेस्याइटिस (Plantar Fasciitis)
हमारे पैरों में मौजूद एक लिगामेन्ट जिसका नाम प्लेन्टर फेसिया है, ये हील बोन से लेकर पैरों के सिरे तक होता है। यदि इस लिगामेन्ट में सूजन या जलन हो जाए, तो यह एड़ी में दर्द का कारण बन सकता है। जिन व्यक्तियों की दिनचर्या में भागने या कूदने जैसी गतिविधियां शामिल हैं, उन्हें इस समस्या के होने की संभावना अधिक है। प्लेन्टर फेस्याइटिस का दर्द उस समय महसूस हो सकता है जब कोई व्यक्ति आराम करने के बाद अपनी एड़ी पर ज़ोर देता है। जैसे कि सुबह उठते समय या फिर काफी देर तक बैठे रहने के बाद उठने पर।

2. एकिलीज़ टेंडिनाइटिस (Achilles Tendinitis)
एकिलीज़ टेंडन एक टिशू होता है जो काफ मसल को हील बोन से जोड़ता है। यह हमारे शरीर का सबसे मजबूत और लंबा टंेडन भी माना जाता है। बास्केटबॉल प्लेयर्स या फिर रनर्स में इस तरह की परेशानी ज़्यादा देखने को मिलती है। इस स्थिति में टंेडन में सूजन या जलन आ जाती है जिस वजह से दर्द के साथ कुछ अन्य परेशानियां एड़ी के पिछले सिरे में उत्पन्न होने लगती है। खराब फिटिंग के जूते पहनने के कारण भी यह समस्या देखने को मिल सकती है।

3. एड़ी में मोच या तनाव
मोच या तनाव भी एड़ी में दर्द के कारण बन सकते हैं। ये परेशानियां आमतौर पर शारीरिक गतिविधियों के कारण व्यक्ति को परेशान कर सकती है। हालांकि ये सामान्य मानी जाती हैं, लेकिन कुछ मौकों पर गंभीर भी हो सकती हैं।

4. हील बर्साइटिस (Heel Bursitis)
सूजन या जलन की समस्या एड़ी के पिछले सिरे में हो सकती है जहां बर्सा मौजूद रहता है। बर्सा हमारे शरीर के विभिन्न भागों में उपस्थित एक तरल-युक्त थैली का नाम है। यह समस्या तब उत्पन्न हो सकती है जब कोई व्यक्ति ज़मीन पर असामान्य ढंग या ज़ोर से एड़ी रखता है।

5. स्ट्रेस फ्रेक्चर
स्ट्रेस फ्रेक्चर की समस्या आमतौर पर एथलिट्स और लंबी दूरी तय करने वाले रनर्स में हो सकती है जो कम समय में ज़्यादा दूरी तय कर लेते हैं। इस प्रक्रिया में एड़ी का कार्य बढ़ जाता है और उस पर बहुत ज़्यादा तनाव हो जाता है जिस वजह से फ्रेक्चर की परेशानी उत्पन्न हो जाती है। ये समस्या ना सिर्फ दर्द के कारणों में से एक है, बल्कि ऐसा होने पर कई दिन तक व्यक्ति के दिनचर्या के कामों में बाधा आ सकती है। ऑस्टियोपोरोसिस के कारण भी स्ट्रेस फ्रेक्चर हो सकता है।

6. हेगलंड्स विकृति (Haglund’s Deformity)
पैर की हड्डी एवं सॉफ्ट टिशूज़ की असामान्यता को हेगलंड्स विकृति कहा जाता है। इसे पम्प बम्प के नाम से भी जाना जाता है। एड़ी के पिछली ओर हड्डी में वृद्धि होने के कारण यह परेशानी उत्पन्न होती है। जब हड्डी की वृद्धि वाला हिस्सा जूतों से रगड़ता है तो एकिलिस टेंडन के करीब सॉफ्ट टिशूज़ में सूजन या जलन आ जाती है। इस वजह से दर्द महसूस होता है। वैसे तो इस प्रकार की स्थिति किसी के भी साथ हो सकती है। लेकिन आमतौर पर जो लोग सख्त और बंद एड़ी के जूते पहना करते हैं उन्हें यह परेशानी ज़्यादा हो सकती है।

7. सेवर्स रोग (Sever’s Disease)
एड़ी में दर्द के कारण में एक मुख्य नाम सेवर्स रोग का भी है जो कि छोटे बच्चों से संबंधित है। लगभग 8 से 16 साल के बच्चों में इस तरह की समस्या देखने को मिलती है। हील बोन की ग्रोथ प्लेट में दबाव या तनाव के कारण यह परेशानी हो सकती है। बहुत ज़्यादा दौड़ने या कूदने के कारण ग्रोथ प्लेट में सूजन और जलन हो सकती है जिस वजह से बच्चों को दर्द महसूस होता है।

8. हील स्पर (Heel Spur)
यह असामान्य रूप से हड्डी की वृद्धि है उस जगह पर जहां प्लान्टर फेसिया हील बोन से जुड़ती है। प्लान्टर फेसिया और पैरों की मांसपेशियों पर लंबे समय तक तनाव के फलस्वरूप हील स्पर होने की संभावना बढ़ जाती है, मुख्य रूप से जिन लोगों के शरीर का वज़न ज़्यादा है या फिर भागने और जॉगिंग करने वाले व्यक्ति। हालांकि हर मौके पर यह दर्द का कारण नहीं बनती, लेकिन फिर भी कुछ लोगों को ऐसी स्थिति में दर्द महसूस होता है।
इनके अलावा भी कुछ स्थितियां एड़ी में दर्द का कारण बन सकती हैं। जैसे कि गाउट, बोन सिस्ट, बोन ट्यूमर, टार्सल टनल सिंड्रोम, एंकिलोसिंग स्पोंडिलाइटिस, रियेक्टिव आर्थराइटिस, रूमेटॉइड आर्थराइटिस, ऑस्टियोमाइलिटिस, सर्कुलेशन में दिक्कत, चलते या दौड़ते समय गलत पॉश्चर अपनाना आदि।

किन लोगों में दर्द की समस्या आम है?

1. जिन लोगों के टखने या पैर में आर्थराइटिस की समस्या हो।
2. वे लोग जिनकी दिनचर्या में ज़्यादा वज़न उठाने का काम रहता है।
3. शरीर का अत्यधिक वज़न भी इस समस्या को बढ़ावा दे सकता है।
4. वे लोग जो खेल या एक्सरसाइज़ के दौरान कूदते या दौड़ते ज़्यादा हों।
5. वे लोग जो कई देर तक खड़े रहते हों।
6. बिना आर्च सपोर्ट या कुशन वाले जूते पहनना जो सही तरह से फिट ना हों।

जानिए एड़ी में दर्द के लक्षणों के बारे में

एड़ी में दर्द के लक्षण कई प्रकार के हो सकते हैं। जैसे कि दर्द आमतौर पर पैर के नीचे एड़ी के आगे की तरफ होना। इसके अलावा यदि पैर में सुन्नता होने लगे या पैर का तापमान सामान्य से ज़्यादा महसूस हो, तो यह भी डॉक्टर को दिखाने एवं उनसे बात करने का एक संकेत है।
यदि एड़ी सख्त हो गई है या उसमे सूजन आ रही है, तो यह भी दर्द का संकेत हो सकता है। अगर एड़ी में दर्द आराम करते समय या रात में हो रहा हो, तो भी सचेत रहने की ज़रूरत है। कुछ ऐसे मौके भी हो सकते हैं जहां आराम के बावजूद भी पैरों के बल वज़न उठा पाने में असमर्थता हो।

एड़ी में दर्द के उपचार विकल्प

एड़ी में दर्द के इलाज के लिए ज़रूरी नहीं हर मौके पर डॉक्टर के पास ही जाना पड़े। कुछ ऐसे घरेलू उपाय हैं जिनके माध्यम से इसे ठीक किया जा सकता है। हां, अगर इन सभी स्त्रोत द्वारा भी फर्क नहीं दिख रहा तो जल्द से जल्द उनसे संपर्क किया जाए।

1. घरेलू उपचार में सबसे पहले शामिल है आराम। जी हां, अगर मुमकिन हो तो लगभग एक हफ्ते तक अपनी बॉडी को रेस्ट पर रखें जिसकी मदद से एड़ी पर ज़्यादा ज़ोर नहीं लगेगा और दर्द में फायदा हासिल हो सकेगा।
2. इसके अलावा प्रभावित जगह पर बर्फ का सेक करना भी लाभकारी है।
3. रात में सोने से पहले पट्टा पहन लें।
4. एक्सरसाइज़ की मदद लें, खासतौर से फ्लेक्सिबिलिटी-संबंधी।
5. दर्द होने पर एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयों का सेवन करें (लेकिन बेहतर यही होगा कि डॉक्टर की सलाह से लें)
6. एड़ी में दर्द के लक्षण दिखने पर स्टेªचिंग का प्रयोग भी कर सकते हैं।
7. सही तरह से फिट आने वाले श्यूज़ पहनें जो कि आपके पैरों को अच्छे ढंग से सहारा दे सकें और कुशन कर सकें।
8. अपनी चलने की प्रक्रिया को सही रखें। वॉक, जॉगिंग या दौड़ते समय सही पॉश्चर अपनाएं जिससे एड़ी पर अत्यधिक भार ना पड़े।

डॉक्टर की सहायता

जब दर्द तीव्र रूप से प्रभावित करे, तो ज़रूरी है कि डॉक्टर से संपर्क कर लिया जाए। मुलाकात के बाद वे व्यक्ति से कुछ सवाल, जैसे लक्षण आदि पूछेंगे। इसके अलावा फिज़िकल परीक्षण के माध्यम से भी बेहतर जानकारी प्राप्त हो सकती है। कुछ रोगों की पुष्टि के लिए एक्स-रे की सहायता ली जा सकती है। कभी-कभार एम.आर.आई. या अल्ट्रासाउण्ड का सुझाव दिया जाता है।
बहुत ही कम ऐसे मौके होते हैं जहां एड़ी में दर्द के इलाज के लिए सर्जरी की सहायता लेनी पड़ती है। थैरेपी, इंजेक्शन, दवाइयां, आदि ही प्रमुख रूप से व्यक्ति को फायदा पहुंचाने में समर्थ रहती हैं। डॉक्टर ऑर्थोटिक डिवाइस की मदद से एड़ी पर ज़ोर कम हो जाता है। कुछ लोगों को रात में पट्टा बांधने से आराम महसूस होता है। चाहे बात की जाए मसाज, अल्ट्रासाउण्ड या फिजिकल थैरेपी की, ये दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। इन सब स्त्रोत के अलावा डॉक्टर आपको स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ की भी सलाह दे सकते हैं जिसके माध्यम से मांसपेशियां और टेंडन्स मज़बूत होें।

अन्य ज़रूरी बातें
जीवन में सुखी रहने के लिए कुछ आदतों को अपनाना ज़रूरी है। और उसी के साथ कुछ ऐसी भी आदतें हैं जिन्हें त्यागने के बाद आप कई तरह की परेशानियों से बच सकते हैं। एड़ी के दर्द एवं अन्य कई अप्रिय घटनाओं से बचने के लिए अपनी डाइट का पूरा ध्यान रखें। उन आहार का सेवन ज़्यादा से ज़्यादा करें जिनमें पोषक-तत्व की मात्रा भरपूर हो। लेकिन अपनी डाइट को संतुलित रखें। और इसी के साथ यह भी ज़रूरी है कि आप अपने वज़न को एक सीमा से ज़्यादा बढ़ने ना दें। क्योंकि अत्यधिक वज़न ना सिर्फ एड़ी में दर्द के कारण में से एक है, बल्कि ये कई तरह से हमारे लिए नुकसानदायक है।
और हां, अपने शरीर पर ज़रूरत से ज़्यादा भार ना डालें। इससे मतलब ज़्यादा वज़न ना उठाना भी है और यदि आप थकान महसूस कर रहे हैं तो कुछ समय निकालकर आराम कर लें खासतौर से जब आपकी मांसपेशियां दुखने लग जाएं। इन्हीं कुछ बातों को अपनाने से आप अपने जीवन में विभिन्न तरह के सुधार महसूस कर सकते हैं।

बेहतर सुविधाओं के लिए मेवाड़ हॉस्पिटल पधारें

एड़ी में दर्द सामान्य बात मानी तो जाती है, और अधिकतर मौकों पर यह नुकसानदायक साबित नहीं होती, लेकिन फिर भी यदि आपको इस प्रकार का दर्द बार-बार या लगातार हो रहा है, तो कृपया देर ना करें। डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर विकल्प है। मेवाड़ हॉस्पिटल अपनी आधुनिक सुविधाआंे और बेहतरीन सेवाओं के लिए जाना जाता है। हमारे डॉक्टर्स आपको बेहतर उपचार और सलाह देने के लिए उपस्थित है।
अपना ध्यान रखें, स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएं और एड़ी में दर्द के लक्षण दिखने पर यदि दर्द ठीक नहीं होता तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें। और एक बात ज़रूर जान लें कि यदि आपकी एड़ी में दर्द हो रहा है, तो इसके इलाज के बाद भी दर्द जाने में कुछ समय लग सकता है। रिकवरी के दरमियान आपको सब्र रखने की ज़रूरत है। जितना मुमकिन हो एड़ी को आराम दें और दिनचर्या के कामों में लौटने की जल्दी ना करें।

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