आम आर्थोपेडिक समस्याओं के बारे में जानिए

May 26, 2022by admin-mewar
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आर्थोपेडिक समस्याओं के बारे में जानिए

जीवन में किसी तरह की मेडिकल-संबंधी समस्या होना आम बात है। हममें से कई लोगों ने किसी ना किसी परेशानी का सामना किया होगा या कर रहे होंगे। उदाहरण के तौर पर आंख-संबंधी, नाक-संबंधी, हृदय-संबंधी, दिमाग-संबंधी, या फिर किसी दूसरे अंग से संबंधित परेशानी देखने को मिल जाती है। आज मेवाड़ हाॅस्पिटल की टीम बात करने जा रही है मेडिकल चिकित्सा के एक प्रमुख विभाग की। जी हां, हम बात कर रहे हैं ऑर्थोपैडिक्स (orthopedics) के बारे में। आज के इस ब्लाॅग में आपको इससे जुड़ी कई महत्त्वपूर्ण बातों से हम परिचित कराएंगे। तो आइए सबसे पहले जानते हैं आखिर क्या है ऑर्थोपैडिक्स!

आर्थोपेडिक्स किसे कहते हैं?

ये एक ऐसा विभाग है जो कि हमारे मस्क्यूलोस्केलेटल सिस्टम (musculoskeletal system) की देखभाल और इलाज के लिए उपलब्ध रहता है। इस सिस्टम में हमारे शरीर के कुछ प्रमुख भाग, जैसे कि मांसपेशियां (muscles), हड्डियां (bones), जोड़ (joints), लिगामेन्ट्स (ligaments), और टेंडन्स (tendons) आदि की उपस्थिति होती है। इनसे जुड़ी किसी भी तरह की समस्या के इलाज के लिए आर्थोपेडिक सर्जन या आर्थोपेडिस्ट से आप संपर्क कर सकते हैं। हर उम्र के व्यक्ति में ऑर्थोपेडिक-संबंधी समस्या हो सकती है, चाहे वो नवजात शिशु हो या फिर कोई बुजुर्ग।
कुछ समस्याएं ज़्यादा गंभीर नहीं होती और सामान्य इलाज से ठीक भी हो जाती हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसी स्थितियां भी होती हैं जिनमें दवाईयां, फिज़िकल थैरेपी, इंजेक्शन या अन्य उपाय फायदेमंद सिद्ध नहीं होते और अंत में डाॅक्टर को सर्जरी का उपयोग करना पड़ता है।

आइए अब बात करते हैं ऐसी आर्थोपेडिक-संबंधी समस्याओं के बारे में जिनकी वजह से दुनिया में करोड़ों लोग परेशान हैं।
1. घुटने में दर्द

यह दर्द विभिन्न आयु-वर्ग के लोगों में होने वाला एक आम दर्द माना जाता है। हमारे शरीर में घुटनों के स्वास्थ्य का सही रहना बहुत ज़रूरी है। यदि इससे जुड़ी कोई कठिनाई होती है तो हमें अपने सुखदायी जीवन के साथ समझौता करना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे चलने-फिरने, दौड़ने, खेलने, आदि में घुटनों की अहम भूमिका होती है।

घुटने में दर्द के कारण कुछ इस प्रकार हैं:-
आर्थराइटिस, टेंडिनाइटिस, ज़्यादा वज़न, कार्टिलेज में समस्या, घुटने में चोट, इंफेक्शन, आदि।
वैसे तो इसका उपचार कई मौकों पर स्वयं की देखभाल करने से हो जाता है। लेकिन कभी-कभी दवाईयों, फिजिकल थैरेपी और अन्य तरीकों की सहायता लेनी पड़ती है। ज़्यादा गंभीर मौकों पर सर्जरी कराना आवश्यक हो जाता है।

2. कमर दर्द

घुटने में दर्द के बाद इस प्रकार का दर्द होना भी बेहद आम है। हममें से कई लोग इसे एक या कई मौकों पर महसूस कर चुके होंगे। इसके विभिन्न कारण हो सकते हैं, जैसे:-
आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, डिस्क-संबंधी परेशानी, मांसपेशियों और लिगामेन्ट में खिंचाव, कमर में चोट, गलत तरीके से बैठना, साइटिका, आदि।
कमर दर्द होने पर हम दिनचर्या में होने वाली गतिविधियों को सही तरीके से अंजाम नहीं दे पाते। कुछ ऐसे मौके भी होते हैं जहां लोगों को कमर दर्द की वजह से अपने कार्यों को टालना पड़ जाता है। अधिकतर मौकों पर पीठ दर्द कुछ उपायों के माध्यम से ठीक हो जाता है। लेकिन यदि यह परेशानी आपको लगातार सता रही है और कुछ दिनों के बाद भी ठीक नहीं हो रही है, तो कृपया डाॅक्टर को दिखाने में देर ना लगाएं। बेहतर सुविधाओं के लिए मेवाड़ हाॅस्पिटल के कुशल डाॅक्टर्स से संपर्क करें।

3. कूल्हे में दर्द

अब बात की जाए कूल्हे में दर्द की, इसके बारे में आपको आमतौर पर सुनने को नहीं मिलता होगा। लेकिन हां, यह स्थिति भयावह रूप ले सकती है और एक व्यक्ति के जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। कूल्हे में दर्द की कई वजह हैं। उदाहरण के तौर पर:-
फ्रेक्चर, बर्साइटिस, टेंडिनाइटिस, मांसपेशियों और टेंडन में खिंचाव, कैंसर, आॅस्टिएनोक्रोसिस (osteonecrosis) आदि।
यदि कोई व्यक्ति कूल्हे के बल तेज़ प्रभाव से गिरता हैं और बुरी तरह से कूल्हे में दर्द महसूस करे, बेहतर है कि जल्द ही डाॅक्टर से संपर्क कर लिया जाए। इसके अलावा यदि अचानक से वज़न कम हो रहा हो, चलने-फिरने में या बैठने में परेशानी हो रही हो तो भी दिखाने में देरी ना करें।

4. फ्रेक्चर

फ्रेक्चर एक साधारण समस्या है जिसमें हड्डी टूट जाती है या फिर उसमें दरार आ जाती है। इस परिस्थति में भी बहुत तेज़ दर्द होने लगता है। फ्रेक्चर भी कई प्रकार के होते हैं और इसके कारण कुछ इस प्रकार हैं:-
गिरने से, चोट के कारण, शरीर पर किसी वस्तु द्वारा मारे जाने पर, या फिर ऑस्टियोपोरोसिस की वजह से।
अधिकतर मामलों में पट्टे या प्लास्टर के माध्यम से हड्डी का उपचार किया जाता है। लेकिन जब हड्डी बुरी तरह टूट चुकी हो, तो ऐसे मामलों में सर्जरी की सहायता लेनी पड़ती है। मुख्य रूप से बोन फ्रेक्चर रिपेयर उपयोग में आती है जिसमें हड्डी को उसकी जगह पर पिन्स, रोड, स्क्रू, और प्लेट्स की मदद से ठहराया जाता है।

5. कोहनी में दर्द

इस प्रकार का दर्द आमतौर पर तब उठता है जब सोफ्ट टिशूज़, जैसे कि लिगामेन्ट्स, टेंडन्स, या मांसपेशियों में कोई समस्या उत्पन्न हो। टेनिस एल्बो (Tennis Elbow) कोहनी में दर्द से जुड़ी एक समस्या है जो खिलाड़ियों के अलावा प्लम्बर, पेन्टर, भटियारे, खाती, कसाई आदि के साथ होती है। या फिर यूं भी समझ सकते हैं कि वे लोग जिनकी कलाई और बाजू द्वारा कोई काम बार-बार किया जाता हो।
कुछ अन्य कोहनी में दर्द के कारण इस प्रकार हैं:-
टूटे बाजू, आर्थराइटिस, टेंडिनाइटिस, बर्साइटिस, गोल्फर्स एल्बो, खिंचाव, डिस्लोकेटेड कोहनी आदि।

6. कंधे में दर्द

कंधे के माध्यम से हम विभिन्न प्रकार की गतिविधियां करने में समर्थ होते हैं। कंधे में दर्द होना भी एक अप्रिय स्थिति है। इस प्रकार के दर्द के पीछे भी कई कारण हैं, जैसे:-
बर्साइटिस, कंधे के जोड़ मंे आर्थराइटिस, कंधा डिस्लोकेट होना, कंधे की हड्डी टूटना, फ्रोज़न शोल्डर, टेंडन-संबंधी समस्या, आदि।

7. लिगामेन्ट-संबंधी परेशानी

लिगामेन्ट्स वे टिशू होते हैं जो हड्डी को दूसरी हड्डी से जोड़ने में मदद करते हैं। ये हमारे जोड़ों को सपोर्ट देते हैं और बेहद मज़बूत होते हैं। लेकिन हां, कुछ मौके ऐसे होते हैं जहां ये खिंच जाते है या फिर टूट जाते हैं। ऐसी ही एक समस्या है ए.सी.एल (ACL) इंजरी के नाम से। ए.सी.एल. हमारे घुटने में मौजूद चार सबसे अहम लिगामेन्ट्स में से एक है। कुछ मौकों पर इसे नुकसान पहुंच जाता है और जब ये पूरी तरह से टूट जाता है तो सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ जाती है। इस तरह की इंजरी खासतौर से खेल-संबंधी व्यक्तियों में देखने को मिलती है।
घुटनों के अलावा टखनों, कलाई, अंगूठे, गर्दन, और पीठ में भी लिगामेन्ट-संबंधी परेशानी हो सकती है।

8. टेंडन्स-संबंधी परेशानी

टेंडन्स लिगामेन्ट्स की ही तरह टिशू होते हैं लेकिन इनका काम मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ना होता है। किसी भी व्यक्ति को टेंडन-संबंधी इंजरी हो सकती है, लेकिन मुख्य तौर पर जो लोग किसी एक ही गतिविधि को अपने दिनचर्या के कामों में बार-बार करते हैं, उन्हें इसका ज़्यादा खतरा होता है।
यहां हम बात करेंगे टेंडिनाइटिस (Tendinitis) की। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब टेंडन में सूजन आ जाती है। ऐसा होने से व्यक्ति को दर्द का अहसास होने लगता है। आमतौर पर यह परेशानी घुटने, कंधे, कोहनी, कूल्हे, और अंगूठे के बुनियादी हिस्से में होती है।

9. बर्साइटिस

ऊपर कई परेशानियों के कारणों में आपने बर्साइटिस (Bursitis) का नाम पढ़ा होगा। आइए अब जानते हैं इसके बारे में। बर्साइटिस उस परिस्थति का नाम है जब कि बर्सा ;इनतेंद्ध में सूजन उत्पन्न होने लगती है। बर्सा चिकनाई युक्त तरल पदार्थ की एक थैली होती है। ये हमारी हड्डियों, मांसपेशियों, और टेंडन आदि के बीच में पाई जाती है। हमारे पूरे शरीर में इसकी उपस्थिति देखने को मिलती है। 40 वर्ष से ऊपर के लोगों में यह समस्या आम मानी जाती है। बर्सा में सूजन के कारण दर्द उठता है जो कि धीरे-धीरे या अचानक से हो सकता है।
मुख्य रूप से इसका प्रभाव कोहनी, कंधे, कूल्हे, जांघ, या घुटने आदि में पाया जाता है।

10. पैर में दर्द

कई लोग पैर में दर्द से परेशान रहते हैं और कभी-कभी यह दर्द इतना बढ़ जाता है कि इसके उपचार के लिए डाॅक्टर की सहायता लेना आवश्यक हो जाता है। पैर में दर्द होने के कई कारण बताए जाते हैं जिनमें स्पाइनल स्टेनोसिस, साइटिका, खिंची हुई मांसपेशी, आर्थराइटिस, मांसपेशी में ऐंठन, टेंडिनाइटिस, फ्रेक्चर आदि शामिल हैं।
यदि आप भी पैरों में दर्द से परेशान हैं जो घरेलू नुस्खों द्वारा ठीक नहीं हो रहा और लगातार आपको परेशान कर रहा है, तो कृपया आज की मेवाड़ हाॅस्पिटल पधारें और हमारे ऑर्थोपेडिक डाॅक्टर्स से मिलें।

11. हाथ और कलाई में दर्द

हमारे हाथ और कलाई में दर्द की कई वजह हैं। इनमें फ्रेक्चर, आर्थराइटिस, कार्पल टनल सिंड्रोम आदि शामिल हैं। कभी-कभी इस तरह की समस्या गंभीर हो सकती है जहां उचित इलाज के माध्यम से ही रोगी को फायदा पहुंचता है। जीवनशैली में सुधार, व्यायाम, पट्टे या दवाईयों से यदि फायदा नहीं पहुंचता तो सर्जरी का उपयोग करना पड़ सकता है।

12. बच्चों में ऑर्थोपेडिक -संबंधी परेशानी

आर्थोपेडिक्स से जुड़ी समस्या सिर्फ बड़ों तक ही सीमित नहीं, ये छोटे बच्चों के साथ भी हो सकती है। जी हां, पीडाइएट्रिक ऑर्थोपैडिक्स वो विभाग है जो बच्चों मंे पाई जाने वाली मस्क्यूलोस्केलेटल समस्याओं की जांच और उपचार करती है। इस विभाग से जुड़े डाॅक्टर्स बच्चों में होने वाली ऑर्थोपेडिक संबंधी परेशानियों को अन्य चिकित्सकों के मुकाबले बेहतर समझ सकते हैं और उचित इलाज प्रदान करते हैं।
यदि आपके बच्चे को भी संबंधित विभाग से जुड़ी कोई परेशानी है, तो आज ही हमारे जाने-माने और अनुभवी पीडाइएट्रिक ऑर्थोपेडिक डाॅक्टर से मिलें और अपने बच्चे की सेहत को बेहतर बनाएं।

13. गर्दन में दर्द

यह भी सामान्य प्रकार का दर्द है जिसे अनेक लोगों ने अनुभव किया है। आमतौर पर इसका असर गलत तरीके से बैठने पर देखने को मिलता है। कुछ मौकों पर यह दर्द गंभीर भी हो सकता है। इसका एक प्रमुख कारण आॅस्टियोआर्थराइटिस माना जाता है। सामान्य तौर पर यह अपने आप या फिर आराम के माध्यम से ठीक हो जाता है। लेकिन यदि दिन-बदिन यह समस्या बढ़ती जा रही है, तो कृपया देर ना करें और उचित इलाज ज़रूर कराएं।

14. साइटिका

साइटिका भी आर्थोपेडिक्स से जुड़ी एक आम, लेकिन गंभीर समस्या है। यह ऐसा दर्द है जो साइटिक नस में चोट या जलन की वजह से उत्पन्न होता है। साइटिक नस हमारे शरीर की सबसे बड़ी, मज़बूत और मोटी नस है। इस प्रकार का दर्द पीठ से निचले हिस्से से शुरू होकर दोनों पांव तक जाता है। यदि किसी व्यक्ति को साइटिका है, तो उसे साइटिक नस के रास्ते कहीं भी दर्द हो सकता है।
यह दर्द सामान्य से लेकर तीव्र भी हो सकता है। वैसे तो ये एक की पैर में होता है, लेकिन हां इसका प्रभाव दोनों पैरों में देखने को मिल सकता है। साइटिका के कई कारण हैं और दर्द भी हर व्यक्ति को अलग तरीके से हो सकता है। साइटिका के इलाज के लिए कई विकल्प मौजूद हैं जो आप हमारे डाॅक्टर्स द्वारा प्राप्त कर सकते हैं।

15. ऑस्टियोपोरोसिस

यह हड्डी से संबंधित समस्या है जिसमें हड्डी कमज़ोर और नाजुक होने लगती है। इस परिस्थति में फ्रेक्चर होने की संभावनाएं अत्यधिक हो जाती है। यह बीमारी बिना किसी लक्षण के बढ़ती चली जाती है और इसमें किसी प्रकार का दर्द भी महसूस नहीं होता जब तक कि व्यक्ति की हड्डी फ्रेक्चर ना हो जाए। उम्र के साथ ही इसके होने का खतरा बढ़ने लगता है। साथ ही ऐसा पाया गया है कि औरतों में पुरूषों के मुकाबले ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना बहुत ज़्यादा है। मेडिकल साइंस के द्वारा इसका पूर्ण रूप से इलाज करना मुमकिन नहीं है।
लेकिन हां, कुछ ऐसे उपाय हैं जिनकी मदद से इसे पहचाना और रोका जा सकता है। यदि आप इस बीमारी से बचना चाहते हैं तो कैल्शियम-युक्त आहार का सेवन ज़रूर करें। इसके अलावा विटामिन डी और कुछ व्यायाम के माध्यम से भी मदद मिल सकती है। आॅस्टियोपोरोसिस के इलाज व अन्य बातों के बारे में पूर्ण रूप से जानने के लिए हमारे डाॅक्टर्स से संपर्क करें।

मेवाड़ हाॅस्पिटल का संदेश

यदि आप बताई गई किसी भी समस्या से जूझ रहे हैं, तो घबराइए नहीं। आज ही आॅर्थोपेडिक डाॅक्टर से सलाह लें और उचित इलाज प्राप्त करंे। बेहतर सहायता के लिए आप मेवाड़ हाॅस्पिटल पधार सकते हैं। यहां आपको काबिल डाॅक्टर्स की टीम का सहयोग मिलेगा। मेवाड़ हाॅस्पिटल मुख्य रूप से ऑर्थोपेडिक-संबंधी सेवाओं के लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश के विभिन्न जाने-माने शहरों में अपनी अलग पहचान रखता है। हमारी काबिल टीम में कई प्रसिद्ध और होनहार डाॅक्टर्स की उपलब्धता है। इनकी सहायता प्राप्त कर अपने जीवन को सुखदायी और बेहतर बनाएं। अन्य किसी भी जानकारी के लिए कृपया दिए गए सूत्रों द्वारा हमारी टीम से संपर्क करें।

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