क्यों होता है पीठ में दर्द? जानिए पीठ दर्द से जुड़ी कुछ आवश्यक बातें

March 28, 2022by admin-mewar
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क्यों होता है पीठ में दर्द? जानिए कारण लक्षण एवं ईलाज

हम सभी ने जीवन में किसी ना किसी दर्द को महसूस किया ही होगा। कुछ दर्द ऐेसे होते हैं जिनसे हमें ज़्यादा परेशानी नहीं होती। वहीं कुछ प्रकार के दर्द हमारे दिनचर्या के कामों में बाधा बन जाते हैं। और कई ऐसे दर्द भी हैं जो हमारे लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर देते हैं और हमें डाॅक्टर की सहायता लेनी पड़ती है। आज मेवाड़ हाॅस्पीटल की टीम बात करने जा रही है एक ऐसे सामान्य दर्द की जिसके प्रभाव से हममें से कई लोग परिचित हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं पीठ दर्द की। इस बिंदु पर बात करने से पहले आइए सबसे पहले जानते हैं रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कुछ बातें।

रीढ़ की हड्डी, जिसे बैकबाॅन (backbone) या स्पाइनल काॅलम (spinal column) भी कहा जाता है, हमारे शरीर के सबसे मज़बूत भागों में गिनी जाती है। यह 24 हड्डियों से बनी होती है जिसे वर्टिब्रा (vertebrae) कहा जाता है जो एक दूसरे के ऊपर होती हैं। इनके बीच में डिस्क और इर्द-गिर्द लिगामेन्ट्स और मांसपेशियां मौजूद होती हैं।

पीठ दर्द-एक सामान्य लेकिन असुविधाजनक अवस्था

एक सुखद जीवन जीने के लिए रीढ़ की हड्डी का स्वास्थ्य सही रहना बेहद ज़रूरी है। इसका दर्द कभी-कभी इतना प्रभावी बन जाता है कि व्यक्ति को सर्जरी तक करवानी पड़ जाती है। हालांकि ऐसा कुछ ही मौकों पर होता है लेकिन फिर भी हमें पीठ के मामले में सतर्कता बरतनी चाहिए। पीठ दर्द विभिन्न आयु-वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है। कुछ परिस्थतियों के कारण मुख्य रूप से ज़्यादा उम्र वाले लोगों में यह समस्या आमतौर पर देखने को मिलती है। दर्द का प्रभाव ऊपरी भाग (upper back pain) तथा निचले हिस्से (lower back pain) में मुख्य रूप से देखने को मिलता है।
कुछ लोगों को इस तरह की समस्या एक या दो दिन के लिए होती है जो अपनेआप या घरेलु नुस्खों के माध्यम से ठीक हो जाती है। कई लोगों को इस तरह की परेशानी कुछ हफ्तों तक भी हो सकती है जिसमें दर्द का प्रभाव अचानक से महसूस होता है। यदि आप भी पीठ में दर्द से परेशान हैं जो कि तीन दिन बाद भी ठीक नहीं हो रहा है, तो ज़रूरत है कि आप डाॅक्टर से सलाह लें। बेहतर सहायता के लिए मेवाड़ हाॅस्पीटल के कुशल डाॅक्टर्स से संपर्क करें।

क्या हैं पीठ दर्द के लक्षण?

इस प्रकार का दर्द पीठ के किसी भी हिस्से में हो सकता है। यह दर्द कभी-कभी कूल्हों और पैरों तक भी जा सकता है। मांसपेशियों में दर्द होना भी पीठ दर्द के लक्षणों में से एक है। बिना किसी वजह के शरीर का वज़न गिरना भी पीठ दर्द का प्रमुख लक्षण माना जाता है। इसके अलावा इस परिस्थति में बुखार भी आ जाता है।
अब मुख्य रूप से बात की जाए पीठ के निचले हिस्से में दर्द की, इस अवस्था में कई लोगों को सीधे खड़े होने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। यदि मांसपेशियों में ऐंठन (muscle spasm) हो जाती है, जो ऐसी स्थिति में बहुत ज़्यादा दर्द होता है जिसके कारण चलने, उठने या घूमने में बड़ी परेशानी हो जाती है। यदि कमर में अकड़न हो, तो ऐसे में पीठ को हिलाने में या सीधी करने में भी मुश्किलें हो सकती हैं।

वैसे तो कई मौकों पर यह दर्द घरेलु नुस्खों और देखभाल से दूर हो जाता है। लेकिन यदि यह आराम करने के बावजूद नहीं जाता और इसका प्रभाव हफ्तों तक रहता है, तो बेहतर है कि आप डाॅक्टर से संपर्क करें। कुछ मौके ऐसे भी होते हैं जिनमें पीठ दर्द के साथ एक या दोनों पैरों में कमज़ोरी या सुन्नता जैसी स्थितियां बन जाती है। कुछ अन्य पीठ दर्द के लक्षण हैं पीठ में दर्द के साथ पेशाब करने में परेशानी या फिर किसी चोट लगने या गिरने के बाद दर्द महसूस होना।

जानिए पीठ दर्द के कारण

पीठ दर्द की परेशानी विभिन्न कारणों से हो सकती है। आइए जानते हैं उनके बारे में उपयोगी जानकारी के साथ।

1. मांसपेशियों या लिगामेन्ट्स में तनाव
इस तरह की परिस्थति भी पीठ दर्द के कारणों में से एक मानी जाती है। यह वज़नदार वस्तुओं को बार-बार उठाने या फिर एकदम किसी तरह के अनचाहे मूवमेन्ट की वजह से हो सकती है। मांसपेशियों में तनाव किसी गतिविधि को बार-बार करने से भी हो सकता है। और कुछ ऐसी भी परिस्तथियां होती हैं जहां लिगामेन्ट में मोच आ जाती है या फिर यह टूट जाता है और पीठ में दर्द शुरू हो जाता है।

2. आर्थराइटिस (Arthritis)
यह जोड़-संबंधी बीमारी है जिसके 100 से भी ज़्यादा प्रकार हैं और उनमें से प्रमुख है आॅस्टियोआर्थराइटिस। इस स्थिति में दर्द के अलावा सूजन और अस्थिरता भी हो सकती है। यह हमारे जोड़ों के कार्टिलेज को क्षति पहुंचाती है। समय के साथ-साथ ये स्पाइनल स्टेनोसिस को बढ़ावा देती है जिसका विवरण नीचे किया गया है।

3. स्पाइनल स्टेनोसिस (Spinal Stenosis)
इस स्थिति में दर्द तब होता है जब स्पाइनल केनाल तंग हो जाती है जिस जगह पर तंत्रिका जड़ें (nerve roots) होती हैं। इस तरह की तंगी विभिन्न प्रकार की होती हैं और कई मौकों पर डाॅक्टर की सहायता लेना आवश्यक हो जाता है। पीठ दर्द के इलाज के लिए आज ही मेवाड़ हाॅस्पीटल पधारें और उचित इलाज प्राप्त करें।

4. आॅस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis)
यह हड्डियों से संबंधित ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां कमज़ोर हो जाती है। आॅस्टियोपोरोसिस पीठ दर्द का कारण तब बन सकती है जब स्पाइनल काॅलम (रीढ़ की हड्डी) में कम्प्रेशन फ्रेक्चर हो। यह स्थिति बहुत ज़्यादा विचलित कर देने वाली है क्योंकि इसमें व्यक्ति के फ्रेक्चर की संभावना रोज़मर्रा के कार्यों से भी हो सकती है।

5. साईटिका (Sciatica)
साइटिका उस स्थिति को कहा जाता है जब पीठ में दर्द साइटिक नस की वजह से होता है। साइटिक नस सबसे बड़ी और लंबी नस है जो हमारे पीठ के निचले हिस्से से होती हुई दोनों पैरों में पहुंचती है। यदि किसी वजह से इस नस पर दबाव पड़ता है तो पीठ के निचले सिरे में दर्द होने लगता है जो कूल्हों और पैरों में भी फैल सकता है।

6. फ्रेक्चर (Fracture)
यदि हड्डी टूट जाती है या अपनी जगह से खिसक जाती है, तो यह भी पीठ दर्द के कारण में से एक हो सकती है। पीठ के बल गिरने पर या किसी दुर्घटना के बाद यदि आपको पीठ में दर्द महसूस हो रहा है तो डाॅक्टर से ज़रूर मिलें।

7. गलत जीवनशैली (Improper Lifestyle)
यदि आप अपना सीटिंग पोस्चर सही नहीं रखते हैं, तो याद रखें यह भी पीठ दर्द का कारण बन सकता है। लैपटाॅप या कंप्यूटर पर काम करते समय इस बात का ध्यान रखें कि आप ज़्यादा झुककर ना बैठें। कमर को सीधा रखें अन्यथा इससे कमर के साथ-साथ कंधों से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं।

8. स्पोंडिलोलिस्थेसिस (Spondylolisthesis)
यदि फ्रेक्चर की वजह से रीढ़ की हड्डी ज़्यादा कमजा़ेर हो जाती है, तो ऐसे मौकों पर वर्टिब्रा (vertebrae) खिसकने लगती है जिसकी वजह से दर्द और कठोरता जैसी परेशानियां देखने को मिलती है।

9. डिस्क-संबंधी परेशानी (Disc-Related Problems)
हमारी पीठ में कई डिस्क मौजूद रहती हैं जो कि वर्टिब्रा, यानि रीढ़ की हड्डियों की छोटी हड्डियों को कुशन करने में सहायक होती हैं। यह डिस्क पीठ में अपनी जगह से हट सकती हैं और नस पर दबाव बन सकता हैं। यहां तक कि ये डिस्क टूट भी सकती है जिसे हर्निएटेड डिस्क के नाम से जाना जाता है।

10. अन्य परेशानियां
बताए गए कारणों के अलावा भी कुछ ऐसी स्थितियां हैं जिनके कारण पीठ दर्द की समस्या हो सकती है। जैसे कि फेसेट जाॅइंट डिस्फंक्शन (facet joint dysfunction) सेक्रोइलिएक जाॅइंट डिस्फंक्शन (sacroiliac joint dysfunction) एंकिलोसिंग स्पोंडिलाइटिस (ankylosing spondylitis) ओस्टियोमाइलाइटिस (osteomyelitis) आदि।

किन लोगों में पीठ दर्द की संभावना ज़्यादा रहती है?

इसके अलावा भी कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें पीठ में दर्द की समस्या हो सकती है। जैसे कि वे लोग जिनके शरीर का वज़न अत्यधिक होता है। ऐसा भी कहा जाता है कि धुम्रपान करने वाले व्यक्तियों को इस तरह की परेशानी हो सकती है। जो लोग आसीन जीवन शैली (sedentary lifestyle) व्यतीत करते हैं या वे लोग जिनकी फिज़िकल फिटनेस अच्छी नहीं होती, उन्हें भी पीठ में दर्द का सामना करना पड़ सकता है। गर्भावस्था के दौरान भी इस तरह का दर्द हो सकता है।

पीठ दर्द से जुड़े उपचार विकल्प

कई लोगों को इस तरह की परिस्थति में चिड़चिड़ापन हो सकता है और ऐसा होना स्वाभाविक भी है। क्योंकि पीठ दर्द होने से कई तरह की बाधाएं आ सकती हैं। एक या दो दिन के लिए दर्द का आना-जाना आम बात है। लेकिन इससे ज़्यादा अवधि होने पर आपको डाॅक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए।

डाॅक्टर की सहायता
जब आप डाॅक्टर के पास जाएंगे, तो वे आपसे पीठ में दर्द से जुड़े कुछ सवाल पूछ सकते हैं। इसके अलावा वे फिज़िकल एग्जा़म के माध्यम से भी आंकलन कर सकते हैं। कुछ ऐसे टेस्ट मौजूद हैं जिनकी मदद से पीठ से जुड़ी परेशानियों के बारे में पता चल सकता है। जैसे कि एम.आर.आई., सी.टी. स्कैन, इलेक्ट्रोमायोग्राफी या फिर एक्स-रे। ऐसे मौकों पर ब्लड या यूरीन टेस्ट की भी सलाह दी जा सकती है।

पीठ दर्द का इलाज

1. स्वयं की देखभाल
कुछ घरेलु उपाय हैं जिनके माध्यम से कमर में दर्द में आराम प्राप्त हो सकता है। जैसे कि बर्फ या गर्म सेक करना। बर्फ की मदद से जहां सूजन कम होती है, वहीं गर्म सेक खून के बहाव को बढ़ावा देता है और टिशूस को रिलेक्स करने में मदद करता है। इसी के साथ-साथ शरीर को आराम भी दीजिए, लेकिन बहुत ज़्यादा भी नहीं। कुछ लोग समझते हैं कि बहुत ज़्यादा आराम करने से उन्हें दर्द में फायदा मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं है। इस तरह की स्थिति के कारण दर्द और भी बुरा हो सकता है।

2. दवाईयां
अगर ऊपर बताई गई बातों से फायदा नहीं मिल रहा है, तो अगला विकल्प है दवाईयां। डाॅक्टर की सलाह से आप कुछ ऐसी दवाईयों का सेवन कर सकते हैं जो दर्द से आराम दिलाने में सहायक हैं। कभी-कभी पीठ दर्द के इलाज के लिए इंजेक्शन का उपयोग भी किया जा सकता है।

3. फिज़िकल थैरेपी
ऐसे मौकों पर फिज़िकल थैरेपी भी बहुत उपयोगी है। इसकी मदद से कमर की मांसपेशियां मज़बूत होती हैं, गतिशीलता सुधरती है और दर्द में आराम मिलता है। मसाज थैरेपी, योगा, एक्यूपंक्चर, आदि भी पीठ दर्द के लिए उपयोगी स्त्रोत माने जाते हैं।

4. सर्जरी
जब स्थिति गंभीर हो जाती है और दवाईयों, इंजेक्शन या थैरेपी से मरीज़ को फायदा नहीं पहुंचता, तो पीठ दर्द के इलाज के लिए सर्जरी का भी उपयोग करना पड़ सकता है। कमर से जुड़ी कई प्रकार की सर्जरी मौजूद हैं। दर्द का जो कारण होता है उस प्रकार डाॅक्टर सर्जरी की सहायता लेते हैं।

पीठ दर्द से कैसे बचें?

1. व्यायाम
पीठ दर्द के इलाज के लिए बेहद ज़रूरी चीज़ है एक स्वस्थ जीवन जीना। इसलिए कोशिश कीजिए अपने आप को दुरूस्त और एक्टिव रखने की। अपने जीवन में व्यायाम को बढ़ावा दें। प्रतिदिन आधा से एक घण्टा एक्सरसाइज़ करें जिससे आपके शरीर को मज़बूती भी मिलेगी और वज़न भी संतुलित रहेगा। कुछ ऐसी एक्सरसाइज़ हैं जो खासतौर से पीठ को मज़बूत बनाने में उपयोगी हैं। लेकिन हां, किसी भी तरह की एक्सरसाइज़ करने से पहले कृपया डाॅक्टर से सलाह ज़रूर लें।

2. बेहतर डाइट
अपने खानपान पर भी गौर करें और पौष्टिक वस्तुओं का सेवन करें। इस तरह की जीवनशैली अपनाने से आप कई तरह की परेशानियों से बच सकते हैं। खासतौर से हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए अपनी डाइट में कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा ज़रूर लें।

3. दिनचर्या के कामों में देखभाल
सिर्फ बैठते समय ही नहीं, कोशिश करें कि जब आप खड़े हों तब भी आपकी बाॅडी लाइन बिल्कुल सही अवस्था में हो। जैसे कि पीठ बिल्कुल सीधी, दोनों पैर पीठ की सीध में, और दोनों पैरों में वज़न बराबर रहे। इसके अलावा जब की कोई चीज़ उठाएं खासतौर से भारी वस्तुएं, तो उठाते समय ही ना घूमें। उठाते समय सीधा देखें, ऊपर या नीचे नहीं। ऐसे ही जब ड्राइविंग करें तो भी सही तरह से बैठने का ख्याल रखें।

और हां, यह बात ऊपर भी बताई जा चुकी है कि दर्द को ज़्यादा समय तक बर्दाश्त ना करें बल्कि डाॅक्टर से उचित सलाह लें। मेवाड़ हाॅस्पीटल की टीम में बेहतरीन और काबिल आॅर्थोपेडिक सर्जन्स और न्यूरोसर्जन हैं जो आपको ऐसे मौकों पर सहायता करेंगे। याद रखें, कभी भी किसी भी तरह की परेशानी होने पर उसे ना छुपाएं क्योंकि ऐसा करने से वो परेशानी आने वाले समय में ज़्यादा बढ़ सकती है। इसलिए इन बातों को अपने जीवन में महत्त्व दें और मेडिकल सहायता के लिए हमारी टीम से संपर्क करें।

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